ठाणे (महाराष्ट्र), 7 जून : महाराष्ट्र के ठाणे के एक 23 साल के इंजीनियर ने खासतौर पर कोविड-19 महामारी से ग्रस्त हुए मरीजों का इलाज करने वाले अस्पतालों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी तरह का पहला इंटरनेट नियंत्रित (कंट्रोल्ड) रोबोट बनाया है।
नर्स, वार्ड स्टाफ या अन्य देखभाल करने वाले लोगों के बिना ही कोरोना महामारी के रोगियों के लिए उपयोगी यह कोरो-बोट अपने आप से भोजन, पानी, पेय पदार्थ और दवाओं सहति कुछ अच्छी सलाह देने का भी कार्य करता है। डिजाइन सहित इसे स्टार्ट-अप पीएनटी सॉल्यूशंस के संस्थापक प्रतीक तिरोडकर ने बनाया है। वर्तमान में इस रोबोट को कल्याण के होली क्रॉस हॉस्पिटल में सफलतापूर्वक तैनात किया गया है।
तिरोडकर ने आईएएनएस से कहा, “इस एक कोरो-बोट के कारण कोविड-19 संक्रमित मरीज के लिए नर्सों या वार्ड ब्वॉय की उपस्थिति या संपर्क की आवश्यकता नहीं है। यह भोजन, पानी, दवाएं दे सकता है और एक कैमरे के माध्यम से रोगियों के साथ बातचीत कर सकता है। ” उन्होंने आगे कहा, “एक स्पीकर की सहायता से यह यह विभिन्न सावधानियों सहित रोगियों को हाथ धोना व खुद को सैनिटाइज करने की सलाह देने जैसा काम भी काम कर सकता है।”
तिरोडकर ने आगे कहा, “सबसे महत्वपूर्ण बात कंपनी ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) तकनीक का उपयोग करके दुनिया के किसी भी स्थान से कोरो-बोट संचालित करने के लिए एक विशेष एप बनाया है।” उन्होंने कहा कि इस तकनीक को मेडिकल क्षेत्र में दुनिया में कहीं भी पहली बार तैनात किया जा रहा है।
नवी मुंबई के भारती विद्यापीठ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बीटेक (इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग) इंजीनियर तिरोडकर ने कहा, “मरीजों के साथ ही यह खुद का ध्यान भी रख सकता है। नियमित रूप से डिसइनफेक्ट बाथ देने के इसकी पीठ पर तीन नलिकाएं होती हैं। यह रास्ते के दोनों ओर सैनिटाइटर छिड़कता है और साथ ही साथ यह यूवी रोशनी का उपयोग करके आगे बढ़ने के साथ जमीन को डिसइनफेक्ट (कीटाणुरहित) करता है।”
–आईएएनएस