शिमला (एमबीएम न्यूज): राजधानी समेत समूचे जिला में बर्फबारी ने जिंदगी की रफ्तार पर बे्रक लगा दी। लेकिन पुलिस महकमा इस आपदा की स्थिति में फाइट करता नजर आया। पुलिस के हौंसले को जनपद के जिला व सत्र न्यायधीश वीरेंद्र सिंह ने शाबाशी दी है।
एसपी को मिले प्रशस्तिपत्र में न्यायधीश ने लिखा है कि 8 जनवरी 2017 को राजधानी में वीआईपी मूवमेंट थी। पत्र में पुलिस विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा गया है कि सडक़ों की रुकावट को दूर करने में अहम भूमिका निभाई गई, ताकि वीआईपी मूवमेंट सुचारू रह सके। न्यायधीश ने यहां तक कहा कि वह गर्व महसूस करते हैं कि इस जिला में आपके जैसा पुलिस अधीक्षक (डी डब्ल्यू नेगी) है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्राकृतिक आपदा खासकर बर्फबारी में शिमला पुलिस ने जबरदस्त भूमिका निभाई है।
आम लोगों को न्याय दिलाने के लिए भी पुलिस अधीक्षक ने प्रशासन पर भी दबाव बनाया। दम घुटने से पांच मजदूरों की मौत के मामले में पोस्टमार्टम की देरी से भी एसपी नाराज हो गए थे। गौरतलब है कि नववर्ष पर भी इस बार पर्यटकों के आंकड़े ने रिकॉर्ड तोड़ दिया था। बड़ी बात यह रही कि एक भी हुडदंग का मामला सामने नहीं आया। यह पुलिस की व्यवस्थित कार्यप्रणाली का ही नतीजा था, अन्यथा हुडदंगबाजी से नववर्ष के जश्न में किरकिरी पैदा हो सकती थी।
हाल ही में ट्रैफिक पुलिस के अलावा क्यूआरटी को आधुनिक उपकरणों से भी सुसज्जित किया गया। बर्फबारी से जब राजधानी की सडक़ें जाम होने लगी तो अपने कर्मियों का हौंसला बढ़ाने के मकसद से खुद ही विक्ट्री टनल भी पहुंच गए थे। सोशल मीडिया खासकर व्हाटस एप पुलिस अधीक्षक का बेहतरीन टूल बना है। संभवत: हिमाचल में एकमात्र पुलिस अधीक्षक होंगे, जो अपने अधिकारियों से चौकी स्तर पर व्हाटस एप के माध्यम से संपर्क साधे रखते हैं।