सोलन, 20 मार्च: हिमाचल प्रदेश की सोलन पुलिस नशे के कारोबार की रीढ़ तोड़ने में कामयाब रही है। इसी बीच खाकी ने अपराध की दुनिया से जुड़ी लंबित मामलों की फाइल से भी धूल हटानी शुरू कर दी है। मशहूर कारोबारी विशाल आनंद बनकर ठगी करने वाले गिरोह को सालों बाद सलाखों के पीछे पहुंचाया है।
ताजा घटनाक्रम में खाकी ने लुधियाना के रहने वाले जसपाल को करीब साढ़े 5 साल बाद उसकी असल जगह पर पहुंचाया है, जो नशामुक्ति केंद्र में ही नशा परोसने में संलिप्त था। इस शख्स के खिलाफ पंजाब के लुधियाना में अपहरण का भी मामला दर्ज है। पुलिस के शिकंजे से बचने के लिए वो घर का पता बदल चुका था, साथ ही हुलिया भी बदलता रहता था।
अपराध का खुलासा, 21 अगस्त 2018 को हुआ था। सदर थाना व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संयुक्त तौर पर दिशा फाउंडेशन नशा मुक्ति केंद्र बसाल में दबिश दी। निरीक्षण के दौरान केंद्र में तैनात कर्मचारी सारंग वेद द्वारा वैध दस्तावेज नहीं पेश किए जा सके। तलाशी में 1254 नशीली गोलियां बरामद हुई। जांच में पाया गया कि दिशा फाउंडेशन के प्रबंधन द्वारा नशा मुक्ति केंद्र में रखे गए व्यक्तियों को अनाधिकृत तौर पर नशीली दवाएं दी जाती थी।
सदर थाना में मामला दर्ज किया गया था। खाकी ने फाइल से धूल हटाई तो पता चला कि संचालक लंबे अरसे से फरार था। गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार ठिकाने बदल रहा था। चूंकि, खाकी शिद्दत से जसपाल को सलाखों के पीछे पहुंचाने की जद्दोजहद में लगी थी, लिहाजा मंगलवार को जसपाल सिंह बेदी पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी जमालपुर चंडीगढ़ रोड़ लुधियाना को लगभग साढ़े पांच साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि जसपाल के खिलाफ लुधियाना में अपहरण का मामला भी दर्ज है। आरोपी पहले भी आपराधिक वारदातों में संलिप्त रहा है। उनका कहना था कि पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी से गहन पूछताछ की जाएगी।