मंडी, 24 फरवरी : टिकट के दावेदारों में आज बात एक ऐसे दावेदार की है जिसे दावेदार को खुद पार्टी ने ही बनाया लेकिन बाद में उसे हर बार ही दरकिनार किया गया। यह दावेदार है भाजपा नेता अजय राणा। सुंदरनगर निवासी 56 वर्षीय अजय राणा ने वर्ष 1983 में एबीवीपी (ABVP) के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। इसके बाद वह लगातार सरकार और संगठन के कई अहम पदों पर रहे।
अजय राणा राजनीति के साथ-साथ खेलों के साथ भी जुड़े रहे। क्रिकेट एसोसिएशन के साथ इनका गहरा नाता है। मौजूदा समय में अजय राणा हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और मंडी जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाल रहे हैं। इनके ससुर गंगा सिंह ठाकुर सुंदरनगर के विधायक और एक बार मंडी के सांसद रह चुके हैं। वर्ष 1977 में उन्होंने वीरभद्र सिंह को हराया था। गंगा सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश में भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष भी थे। एक तरह से उनकी राजनीतिक विरासत को उनके दामाद यानी अजय राणा संभाल रहे हैं। लेकिन इन्हें संगठन और सरकार में तो कई जिम्मेदारियां मिल गई, परंतु कभी चुनावी राजनीति में उतरने का मौका नहीं मिल सका।
26 वर्षों से नाम चर्चा में, लेकिन टिकट एक बार भी नहीं मिला
अजय राणा का नाम वर्ष 1998 से टिकट के लिए लगातार चल रहा है। कोई भी चुनाव ऐसा नहीं जब अजय राणा के नाम की चर्चा न होती हो और उनका नाम भाजपा के पैनल में न हो, लेकिन 26 वर्षों में एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया जब अजय राणा को पार्टी ने विधानसभा या फिर लोकसभा के चुनावों में अपना प्रत्याशी बनाया हो। 2013 में जब मंडी संसदीय सीट पर उपचुनाव होने थे तो भाजपा ने जयराम ठाकुर, राम स्वरूप शर्मा और अजय राणा को जनता के बीच जाने का आदेश दिया था।
उपचुनाव में जयराम ठाकुर को प्रत्याशी बनाया गया और वो चुनाव हार गए। इसके बाद 2014 में जयराम का नाम हट गया तथा राम स्वरूप और अजय राणा के साथ कारगिल युद्ध के हीरो ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर का नाम जुड़ गया। इस बार राम स्वरूप शर्मा को टिकट मिला। 2019 में फिर से राम स्वरूप शर्मा को ही टिकट मिला। 2021 में जब उपचुनाव हुए तो उसमें भी अजय राणा दरकिनार हुए और टिकट ब्रिगेडियर साहब ले गए। अब 2024 में अजय राणा फिर से दावेदार तो हैं लेकिन दरकिनार होते हैं या नहीं, इस बात का पता भविष्य में ही चल पाएगा।
प्रो. धूमल और अनुराग ठाकुर के हैं करीबी
अजय राणा पूर्व सीएम प्रो. प्रेम कुमार धूमल और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के करीबी माने जाते हैं। धूमल सरकार में अजय राणा की तूती बोलती थी। हालांकि अजय राणा संगठन के साथ जुडे हुए व्यक्ति हैं लेकिन धूमल परिवार के साथ उनका जुड़ाव भी किसी से छुपा नहीं है।