राजगढ़ : पझौता घाटी के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोटला बांगी के स्कूल भवन का निर्माण कार्य पिछले अढाई वर्षों से ठेकेदार और लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के चलते अधूरा लटका पड़ा है। स्कूल प्रशासन द्वारा इस वर्ष स्कूल खुलने के उपरांत दस जमा एक और दो की कक्षाएं निर्माणाधीन भवन में ही लगाए जा रही है, जोकि बच्चों के बैठने के लिए असुरक्षित है।
स्थानीय पंचायत उप प्रधान सुभाष चंद ने लिखित रूप में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार के हर स्तर पर पिछले डेढ वर्ष से लगातार स्कूल के बारे में गुहार लगाई जा रही है, परंतु आज तक समाधान संभव नही हो सका है। उन्होंने बताया कि 12 दिसंबर 2019 को उनके द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन(1100) पर शिकायत की गई थी और जिस पर सीएम कार्यालय द्वारा निर्माणाधीन भवन में बच्चों को न बिठाया जाने के बारे में स्कूल प्रधानाचार्य को आदेश जारी किए गए थे परंतु स्कूल प्रबंधन द्वारा सीएम के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
सुभाष चंद ने बताया कि स्कूल भवन का निर्माण कार्य 10 अगस्त 2017 को पीडब्लयूडी द्वारा आरंभ किया गया था जिसके अंतर्गत 8 क्लासरूम निर्मित किए जाने थे, जिसके लिए सरकार द्वारा पूरा पैसा विभाग को जारी किया जा चुका है परन्तु विभाग और ठेकेदार की लापरवाही के चलते आज तक पूरा नहीं हुआ। इसके कारण स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले करीब 200 बच्चों को पहले पुराने मिडल स्कूल के कमरों के बाहर बरामदे अथवा खुले आसमान के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करते थे और अब निर्माणाधीन भवन में कक्षाऐं बिठाई जा रही है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा गत वर्ष 8 सिंतबर को राजगढ़ के फागू में आयोजित जनमंच में इस मुददे को उठाया गया था और डॉ. राजीव बिंदल ने जनमंच में एक माह के भीतर रि-टैंडरिंग करने के निर्देश दिए गए थे, परंतु आज तक इस स्कूल भवन केे अधूरे कार्य में एक ईंट भी नहीं लगी ।
इसके अतिरिक्त दिसंबर 2018 के दौरान स्कूल के वार्षिक समारोह के दौरान तत्कालीन विधायक एवं सांसद सुरेश कश्यप ने इस स्कूल के अधूरे कार्य को दो माह के भीतर आरंभ करने का आश्वासन दिया गया था। इसके अतिरिक्त 21 नवंबर 2019 को पच्छाद की विधायक रीना कश्यप को भी लिखित रूप में पत्र दिया गया था। परंतु आश्वासन के बावजूद आज तक कुछ भी नहीं हुआ। इसी प्रकार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री को भी अनेको बार पत्र लिखकर अधूरे भवन का कार्य पूर्ण करवाने का आग्रह किया गया था। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा पिछले एक वर्ष से रि-टैंडरिंग का बहाना करके सरकार को गुमराह किया जा रहा है और रि-टैंडरिंग भी आज तक नहीं हुई ।
अधीशासी अभियंता लोक निर्माण राजगढ़ नरेन्द्र वर्मा ने बताया कि इस भवन के लिए सरकार द्वारा 68 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी परन्तु ठेकेदार काम छोड़कर चला गया था। उन्होंने बताया कि इस अधूरे कार्य की रि-टैंडरिंग करवाई गई थी। मगर जिस ठेकेदार के नाम टैडर अवार्ड हुआ था, उसने काफी कम रेट भरे थे, जिस कारण अभी फाईनल प्रक्रिया पूर्ण होने में विलंब हो रहा है और अब रि-टैंडरिंग करवाने की प्रक्रिया प्रगति पर है।
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