शिमला : एपीजी व मानव भारती विश्वविद्यालयों द्वारा लाखों रुपए लेकर डिग्रियां बेचने का मामला तूल पकड़ रहा है। मंगलवार को एबीवीपी ने विश्वविद्यालय के नियामक आयोग के कार्यालय पर धावा बोल दिया। प्रदर्शन के दौरान आयोग के कार्यालय बोर्ड को तोड़ दिया गया। साथ ही माहौल तनावपूर्ण भी नजर आया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने उग्र रूप धारण करते हुए कहा कि खुलेआम लाखों रुपए लेकर डिग्रियां बेची जा रही हैं, लेकिन विश्वविद्यालय नियामक आयोग चुप्पी साधे बैठा है।
जिला संयोजक सचिन का कहना था कि शिक्षा के क्षेत्र में फर्जीवाड़े को लेकर हिमाचल प्रदेश ऊपरी पायदान पर पहुंच रहा है। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों नें विद्यार्थियों से पैसे लेकर फर्जी डिग्रियां तैयार की हैं। छात्र संगठन ने कहा कि यूजीसी ने आयोग को 30 अगस्त 2019 को इस बाबत आगाह भी किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। संगठन ने आरोप लगाया कि इन विश्व विद्यालयों द्वारा 10 सालों में करीब 7 लाख फर्जी डिग्रियां बेची गई हैं।
संगठन का यह भी कहना है कि विश्वविद्यालयों ने कई राज्यों में अपने एजेंट फैला रखे हैं। छात्रों ने कहा कि आयोग के अध्यक्ष जवाब देने की बजाय भाग गए। प्रांत मंत्री राहुल राणा ने चेतावनी देते हुए कहा कि तुरंत ही सख्त कार्रवाई अमल में लाकर इन विश्वविद्यालयों की मान्यता को खारिज नहीं किया गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।
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