सोलन : सोलन का क्षेत्रीय अस्पतालनशे की गिरफ्त से पथभ्रष्ट हुए नौजवानों को सही राह पर ले जाने का कार्य कर रहा है। आज जहां युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त मे फंसती जा रही है। वहीं क्षेत्रीय अस्पताल में बना नशा निवारण सेंटर युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। क्षेत्रीय अस्पताल में कमरा नंबर 109 व 124 जो कार्य कर रहा है व निश्चित तौर पर पथभ्रष्ट युवाओं की जिंदगी को बदल रहा है। क्षेत्रीय अस्पताल मे प्रतिदिन चिट्टे जैसे जानलेवा नशे के आदी युवा-युवतियों के करीब दस मामले सामने आ रहे है। यहां से परामर्श व इलाज पाकर नए जीवन की शुरुआत कर रहे है।
बीते 6 माह में करीब आठ सौ युवाओ ने यहां से इलाज पाकर अपनी जिंदगी में नई पारी की शुरुआत की है। कई युवा इन चिकित्सकों के समक्ष आए जो कि बड़ी बुरी तरह चिट्टे की लत मे फंसे हुए है। यदि किसी को अपने लाडले या लाडली को नशे की लत से बचाना है या युवाओं को स्वयं सुधारना है तो वह तुंरत सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में आकर उनकी जिंदगी को नर्क में धकेलने से बचा सकते है। मनोचिकित्सक डॉ. वैशाली शर्मा ने बताया कि उनके पास प्रतिदिन कई मामले चिट्टे जैसे जानलेवा नशे के आ रहे है। यहां से सफल इलाज पाकर व खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे है।
डॉ. वैशाली शर्मा ने कहा कि किसी भी तरह के नशे का खात्मा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यहां किसी की गोपनीयता को सार्वजनिक नहीं किया जाता है। मनोवैज्ञानिक कुशल वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि जो भी युवा नशा छुड़ाने के लिए इच्छाशक्ति का होना आवशयक है। उन्होंने सभी परिजनों व शिक्षको से अपील की है कि वह युवाओं के स्वभाव पर नज़र रखें यदि उन्हे किसी भी तरह का उनके स्वभाव मे बदलाव नज़र आता है तो तुरंत क्षेत्रीय अस्पताल पहुंच कर इलाज करवाए।