शिमला : हिमाचल हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर जेलों की दयनीय हालत को लेकर कोर्ट में अनुपालना रिपोर्ट दाखिल न करने के मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) और महानिदेशक (जेल) को 20 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश एल.नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवल दुआ की खंडपीठ ने ये आदेश 1382 जेलों में अमानवीय स्थितियों से संबंधित सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों पर लोक हित याचिका के रूप में न्यायालय द्वारा दायर की गई याचिका पर दिए।
सुनवाई के दौरान, एडवोकेट जनरल द्वारा अनुपालन रिपोर्ट दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगने पर खंडपीठ ने गंभीर चिंता जताई और कहा कि इस तरह के गंभीर मामले में, राज्य सरकार ने जारी किए गए निर्देशों पर ध्यान नहीं दिया है। यहां तक कि अदालत और आदेशों के अनुपालन के लिए समय बढ़ाने के लिए आवेदन दायर करने की जहमत नहीं उठाई। इससे पहले अदालत ने 19 मार्च 2019 को अपने पिछले आदेश में कहा था कि राज्य के जेल परिसरों का सत्र व जिला न्यायाधीशों, उपायुक्तों और जेल के अधीक्षकों द्वारा दौरा किया गया था। जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में जेलों में पीने के पानी, स्वच्छता, कैदियों की सुरक्षा, बिस्तर, बैरक में स्थिति, भीड़भाड़, स्वास्थ्य के मुद्दों और कमी का ब्यौरा किया था।
न्यायालय ने इन निरीक्षण रिपोर्टों को संबंधित सभी विभागों को भेजने का निर्देश दिया था। उनके अतिरिक्त मुख्य सचिवों/प्रधान सचिवों को एक समयबद्ध योजना प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया था। जिसके भीतर जेलों की कमियों को दूर करने के लिए उनकी ओर से आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। अदालत ने सभी विभागों की स्थिति रिपोर्ट संकलित करने और महानिदेशक (जेल और सुधार सेवाएं) की स्थिति रिपोर्ट के साथ न्यायालय के समक्ष रखने का भी निर्देश दिया था।