शिमला: रविवार को आयोजित पटवारी की लिखित परीक्षा को लेकर प्रदेश में खलबली मची हुई है। यहां तक की एनएसयूआई व डीवाईएफआई ने परीक्षा रद्द करने को लेकर प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। इसके अलावा सोशल मीडिया में भी युवाओं का गुस्सा लगातार फूट रहा है। इसी बीच खबर यह है कि सरकार ने परीक्षा को रद्द करने को लेकर कोई संकेत नहीं दिए है। इस बात की भी तस्दीक हो चुकी है कि जेबीटी टैट की परीक्षा से ही 44 प्रश्नों को कट व पेस्ट किया गया था।
सूत्रों का यह भी कहना है कि सोमवार शाम तक किसी भी जांच के आदेश नहीं दिए गए थे। जानकारों का यह भी कहना है कि जहां तक कांगड़ा के धीरा परीक्षा केंद्र का सवाल है, तो जिन अभ्यार्थियों ने परीक्षा नहीं दी। उन्हें गैरहाजिर रिकॉर्ड किया गया है। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने भी परीक्षा को लेकर ब्रीफिंग करने का खाका तैयार किया है। जानकारों का यह भी कहना है कि इस परीक्षा को लेकर सरकार ने सोमवार शाम तक किसी भी तरह का कोई निर्देश जारी नहीं किया था।
रविवार को प्रदेश के 1193 केंद्रों में पटवारी की लिखित परीक्षा आयोजित हुई थी। उधर, राजस्व विभाग के निदेशक देवा सिंह नेगी का कहना था कि धीरा परीक्षा केंद्र को लेकर ही शिकायत आई थी। इस पर परीक्षा देने वाले अभ्यार्थियों को अब्सेंट घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा परीक्षा को लेकर कोई अन्य फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि तमाम जिलों से ओएमआर शीट के पहुंचने का सिलसिला चल रहा है। जिसके मिलते ही अगले चरण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा। देखना यह भी होगा कि सरकार युवाओ की दुखती रग पर कैसे हाथ रखती है।