नाहन, 16 दिसंबर : अक्सर ही मामूली सी नेक सेवा करने के बाद जुड़ी तस्वीरें और वीडियो को सोशल मीडिया( Social Media) में अपलोड करने में देरी नहीं की जाती। लेकिन कुछ ऐसे होते हैं, जो खामोशी से ही नर सेवा में कदम आगे बढ़ाते रहते हैं। ऐसी ही एक मिसाल शहर में निजी डेंटल क्लीनिक (Private Dental Clinic) चला रहे डॉ. अमन धीमान बने हैं। अब जाकर इस बात का खुलासा हुआ है कि लॉकडाउन(Lock down) के बाद दो हफ्ते तक तो क्लीनिक पूरी तरह से बंद रहा। इस दौरान दांत (Teeth) की असहनीय दर्द (Intolerable Pain) को लेकर…
Author: रेणु कश्यप
नाहन, 01 दिसंबर : देश (Country) की राजधानी (Capital) में एक अनजान (Unknown) कोरोना संक्रमित बुजुर्ग (Old Person) के लिए सिरमौर के नाहन विकास खंड के आंबवाला का रहने वाले शिवी चौहान मददगार बना। हालांकि स्पष्ट नहीं है, लेकिन संभव है कि सिरमौर से शिवी चौहान पहले ही ऐसे शख्स बने हैं, जिन्होंने कोरोना संक्रमित के उपचार के लिए प्लाज्मा डोनेट (Plasma donation) किया है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में शुरू से ही कोरोना संक्रमितों को स्वस्थ करने के लिए प्लाज्मा थैरेपी (Plasma Therapy) का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका तर्क यह है कि संक्रमित…
नाहन, 19 अक्तूबर: 1621 में बसे शहर की पहचान तालाबों (Ponds) व सैरगाहों (Joggers Park) से होती आई है। लेकिन अब 1889 में बने रानीताल बाग (Ranital Garden) के बाद पहली बार एक साथ चार पार्कों (Parks)का लोकापर्ण किया गया है। इससे पहले रानी झांसी पार्क का उदघाटन पहले ही हो चुका है। विधायक डाॅ. राजीव बिंदल ने लोकापर्ण (Inauguration) के दौरान कहा कि शहर को बेहद ही योजनाबद्ध तरीके (well planned) से बसाया गया था। सोमवार को लोगों को समर्पित किए गए चार पार्कों में से दो की खासियत यह है कि इन स्थानों में पहले गंदगी फैली रहती…
मनाली/नाहन, 03 अक्तूबर : विश्व के ताकतवर प्रधानमंत्रियों में से एक नरेंद्र मोदी के समक्ष चंद मीटर के फासले से अपनी काबलियत को सामने लाने का मौका करोड़ो में किसी एक को हासिल होता है। वो भी मौका ऐसा, जब आपकी दमदार आवाज कमांड कर रही हो। जी हां, विश्व की सबसे ऊंची व लंबी सुरंग के लोकापर्ण (Inauguration) के मौके पर ऐसा अवसर प्राप्त हो तो हर किसी के लिए ये लाइफ टाइम अचीवमेंट (Life Time Achievment) ही होगी। जनसूचना व संपर्क विभाग (Public Relation Department) में उपनिदेशक (Deputy Director) के पद पर कार्यरत धर्मेंद्र ठाकुर (Dharmendra Thakur) को…
नाहन : हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहा जाता है। ये बात धारटीधार क्षेत्र की अमिशा ने साबित कर दिखाई है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बिरला की छात्रा अमिशा शर्मा को रोजाना ही स्कूल आने के लिए 6 किलोमीटर पैदल न चलना पड़ता साथ ही स्कूल से लौटकर घर के कामकाज में हाथ न बंटाना होता तो वो लाजमी तौर पर स्कूल शिक्षा बोर्ड की मेरिट सूचि में सिरमौर होती। इन परिस्थितियों के बावजूद सामान्य परिवार की बेटी मात्र तीन अंको की कमी की वजह से मैरिट में स्थान पाने से चूक गई। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा…
नाहन : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सचिव के पद पर तैनात यशपाल शर्मा आईएएस अधिकारी बनने वाले पहले “हाटी” बन गए हैं। हालांकि पिछले 8 से 10 सालों के बीच ट्रांसगिरि खासकर नाया पंजोड क्षेत्र में ऐसा माहौल बना है कि युवा एचएएस बनने को लेकर खासे क्रेजी हैं। 1998 बैच के एचएएस अधिकारी यशपाल शर्मा ने सफलता अर्जित करने के बाद एक प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर अपना सफर शुरू किया था। हालांकि करीब-करीब 22 साल के सफर में शर्मा ने कई प्रशासनिक ओहदों को संभाला। लेकिन मौजूदा में हिमाचल विधानसभा के सचिव के पद पर अपनी जिम्मेदारी का…
नाहन : अब तक आप यह खबरें तो पढ़ रहे हैं कि लोग छिपते-छिपाते घर पहुंच रहे हैं। इसकी जब सूचना गोपनीय तरीके से प्रशासन तक पहुंचती है तो एक्शन होता है। लेकिन यहां परिवार यह तक भूल गया कि घर की बेटी ससुराल के क्लेश से दुखी होकर अपनी 20 साल की बेटी सहित चार दिन पैदल चलकर पंजाब के पटियाला से मायके पहुंची है। फर्ज निभाते हुए मां ने ही बेटी व दोहती के आने की इत्तला पहले कच्चा टैंक पुलिस को दी। फिर, 108 के माध्यम से मां-बेटी को क्वांरटाइन किया गया। मामला, शहर की वाल्मीकि बस्ती…
नाहन : अब तक आप देश के कई हिस्सों से ऐसी खबरें पढ़ते आए हैं कि कोरोना के कर्मवीर कैसे ड्यूटी निभा रहे हैं। ऐसा ही उदाहरण हिमाचल के नाहन में भी देखने को मिला है, जहां एक पुलिसकर्मी की दुख भरी दास्तां सामने आई है। जिसे आप जानकर यह मानने पर विवश हो जाएंगे कि आपका जीवन बचाने के लिए कैसे कर्मवीर परिवारों को छोड़कर ड्यूटी निभा रहे हैं। शहर के चौगान मैदान के समीप ट्रैफिक पुलिस के कांस्टेबल अर्जुन ने ड्यूटी के प्रति अपने समर्पण की मिसाल पेश की है। कांस्टेबल अर्जुन की गर्भवती पत्नी सुमन करीब 120…
नाहन : क्या आप जानते हैं कि 80 के दशक तक शहर में सुबह 10 व शाम 5 बजे “घुघू” (सायरन) समय की पाबंदी का ऐलान करता था। मौजूदा में डाईट के सामने इसका प्लेटफार्म हुआ करता था। इसके बजते वक्त बच्चों में देखने की प्रबल इच्छा होती थी। शहर के बीचोंबीच इसे ऐसी जगह स्थापित किया गया था, जहां से इस सायरन की आवाज शहर के हरेक कोने तक पहुंचती थी। यह सायरन नाहन फाउंडरी के कर्मचारियों को डयूटी शुरू होने व खत्म होने की जानकारी देता था। अब आप सोच रहे होंगे कि कोरोना से इसका क्या लेना-देना…
नाहन : कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन में कोई गरीब भूखा न सोए। इसकी शपथ शहर में युवाओं की टोली ने कोरोना वॉरियर्स बनकर ली है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जब पड़ताल की तो कुछ चेहरे सामने आए। संस्थाओं से शुरूआत की जाए तो दशमेश रोटी बैंक ने तो शुरू में ही बुजुर्गों के लिए घर-घर खाना पहुंचाने की व्यवस्था शुरू कर दी थी। वहीं चूड़ेश्वर सेवा समिति ने भी मंगलवार से कालाअंब में निशुल्क राशन की व्यवस्था मुहैया करवाई है। संभव है कि ऐसे कई चेहरें होंगे, जो गुमनाम वॉरियर्स के तौर पर भी मानव सेवा में…