शिमला, 26 अप्रैल : आखिरकार, कांग्रेस ने विधानसभा के उपचुनाव में 6 में से 3 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। प्रत्याशियों के चयन में कुछ भी अप्रत्याशित नहीं है, क्योंकि वही हुआ है, जिसके क्यास लगाए जा रहे थे। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए कैप्टन रणजीत सिंह राणा को सुजानपुर से मैदान में उतारा गया है।
वहीं, गगरेट से पार्टी ने राकेश कालिया को प्रत्याशी बनाया है। बता दें कि हाल ही में कालिया ने घर वापसी की थी। 2022 में टिकट कटने के बाद नाराज राकेश कालिया भाजपा में शामिल हो गए थे। वहीं, कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने विवेक शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है।
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहले ही विवेक को टिकट देने के स्पष्ट संकेत दे दिए थे। राणा व कालिया की कांग्रेस में एंट्री से ही ये स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस इन्हें भी मैदान में उतार सकती है। हालांकि, कांग्रेस इस बात को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है कि भाजपा की पृष्ठभूमि वालों को टिकट देने से परहेज किया जाए, लेकिन सुजानपुर में कांग्रेस को समझौता करना पड़ा है।
2022 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के खास सिपहसलार कैप्टन रणजीत सिंह राणा को भाजपा ने टिकट दिया था। भाजपा के टिकट पर रणजीत सिंह राणा महज 399 वोटों से हारे थे। दिलचस्प ये है कि यहां उप चुनाव में जो कांग्रेसी था, वो भगवा पहन चुका है और दूसरे ने भगवा त्याग दिया है। प्रत्याशी पुराने है, बस चुनाव चिन्ह बदले हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणु गोपाल ने प्रत्याशियों के ऐलान को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।
गगरेट से चुनाव मैदान में उतारे गए राकेश कालिया तीन बार कांग्रेस के विधायक रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। राकेश कालिया भी कुछ दिन पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। कुटलैहड़ से कांग्रेस ने विवेक शर्मा पर दांव खेला है। विवेक शर्मा पूर्व में भी कांग्रेस की टिकट पर एक बार चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
कांग्रेस अभी तीन अन्य विधानसभा सीटों लाहौल स्पीति धर्मशाला और बड़सर में अपने प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई है। जबकि भाजपा कई दिन पहले सभी अच्छे विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। प्रदेश में पहली जून को 6 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं। सबकी नज़रें इन उपचुनावों के नतीजों पर टिकी हैं। कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की वजह से इन विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव हो रहे हैं।
@R1