शिमला (एमबीएम न्यूज़) : मालरोड में यूको बैंक की मुख्य शाखा से करोड़ों की नकदी लूटने के मामले में सीसीटीवी रिकार्ड की जांच में पुलिस को दंग करने वाली बातें हाथ लगी हैं। वारदात को अंजाम देने से पहले आरोपी की तरफ से बैंक में रैकी की गई थी। घटना से पहले की सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पुलिस ने पाया कि वारदात से करीब एक सप्ताह पहले आरोपी बैंक में आया था और यहां उसने कई घंटे बिताए।
बैंक के भीतर उपभोक्ता सीटों पर बैठकर काफी देर तक आरोपी फोन पर बात करता रहा। लेकिन किसी बैंक कर्मी या सिक्योरिटी इंचार्ज ने उससे वहां पर रहने का कारण नहीं पूछा। ऐसे में इस पूरे मामले में बैंक प्रबंधन के सुस्त रवैये की पोल खुली है। बैंक सिक्योरिटी के ढीले इंतजामों का फायदा उठाकर 26 दिसम्बर को दिनदहाड़े वह 1.11 करोड की पुरानी करंसी से भरा बैग ले जाने में कामयाब रहा।
मामले की जांच कर रहे डीएसपी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में पता चला है कि आरोपी 26 दिसंबर, 2016 को भी बैंक में आया था। उस दौरान उसने वहां पर करीब 3 से 4 घंटे का समय बिताया था तथा सीसीटीवी में मोबाईल फोन पर बातें करता नजर आया है। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में 10 लोगों से पूछताछ की गई है, लेकिन अभी तक किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि यह धनराशि यूको बैंक की नैनाटिक्कर शाखा से शिमला में मुख्य मालरोड स्थित मुख्य शाखा लाई गई थी। बैंक प्रबंधन इस मामले में नैनाटिक्कर ब्रांच के प्रभारी सहित शिमला बैंक के चैस्ट प्रबंधक को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर चुका है। इसके अलावा पुलिस ने घटना के कुछ दिन बाद बैंक के नजदीक एक बैग लावारिस हालत में बरामद किया था।
इस बैग में 66 लाख की पुरानी करंसी थी। लेकिन आरोपी को पकड़ने में पुलिस के पसीने छूट गए हैं। चोर को पकड़ने के लिए पुलिस ने पोस्टर छिपवा कर उसका सुराग देने वाले को उचित ईनाम देने की घोषणा भी कर दी है।