हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़) : विधानसभा सत्र के दौरान लोक महत्व के मुद्दों पर चर्चा न हो इसके लिए सत्र शुरू होने से पहले ही मुख्यमंत्री द्वारा अनाप-शनाप टिप्पणी करके माहौल को खराब करने का प्रयास किया जाता है।
यह बात पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने स्थानीय विश्राम गृह में पत्रकारोंं से बोलते कहा कि इससे माहौल खराब हो जाता है और सदन में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा नही हो पाती। जिससे हर बार मुख्यमंत्री बचना चाहते है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की और से लोकहित के मुददें के अलावा भ्रष्टाचार, माफिया राज, भू-वन-शराब-ड्रग तथा तबादला माफिया जैसे मुददें पर शीतकालीन सत्र में भी सरकार को घेरा जाएगा।
विधायकों पर नियंत्रण की बात करते प्रा. धूमल ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री या मंत्री पहले विधायक होता है और वह हमेशा चुने हुए विधायकों को बराबर मानते हुए उनसे सहयोग के साथ उनका सम्मान करते है। उन्होंने कही कि नियंत्रण करने की बात रजवाड़ाशाही की मानसिकता है।
प्रो. धूमल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का अपने मंत्रीमंडल पर कोई नियंत्रण नही है, क्योंकि मंत्रियों को सचिवालय में लोगों की सुविधा के लिए चार दिन बैठने का आदेश दिया गया था परंतु मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किसी ने भी सीएम की बात नही मानी। उन्होंने कहा कि लोग जानते है कि किसका किस पर कितना नियंत्रण है।
उन्होंने कहा कि आम चर्चा है कि सरकार के आदेशों का पालन अधिकारी भी नही करते है। जिसके दो ही कारण हो सकते या तो सरकार का नियंत्रण नही या फिर आदेश असवैधानिक हो सकते है जिनका पालन करना अधिकारी उचित नही मानते। लेकिन दोनों ही कारण सरकार की असफलता का प्रतीक है। उन्होंने दावा किया कि भोरंज विधानसभा हल्के का उप-चुनाव चाहे विधानसभा के आम चुनावों से पहले हो चाहे साथ में जीत भाजपा की निश्चित है।
कुल्लू घाटी में आईएस का जासूस पकड़ा जाना प्रदेश के लिए चिंता का विषय है।