नाहन (एमबीएम न्यूज) : कहने को तो है मेडिकल कॉलेज, मगर फिर भी नहीं मिल पा रहा है उचित इलाज। छोटी-छोटी कमियों और पेरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी के चलते डॉक्टर यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन विवादों में गिरता नजर आ रहा है, जिसको लेकर जिला के जागरुक व आम जनता से जुड़े विधायक डॉ राजीव बिंदल ने राज्यपाल को शिकायत पत्र भी भेज दिया है। मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं की कमी के कारण जिले के अधिकतर विरोधियों को इलाज के लिए बाहरी राज्यों का रूख मजबूरन करना पड़ रहा है।
मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ मौजूद है। सर्जरी विभाग में डॉ प्रणव शर्मा, डॉक्टर अरविंद कमल, डॉक्टर राजन सूद, डॉक्टर लक्ष्मी सूद, डॉक्टर पुनीत जैन, डॉ उषा शर्मा इन सबको मिलाकर कुल 6 सर्जन मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है। इसके बावजूद छोटे बड़े ऑपरेशन के लिए मरीजों को चंडीगढ़ पीजीआई, शिमला आईजीएमसी, देहरादून व यमुनानगर में जाना पड़ रहा है। एनेस्थीसिया विशेषज्ञों में डॉक्टर विक्रांत, डॉक्टर शालिनी शर्मा राजेश शर्मा भी मेडिकल कॉलेज में ज्वाइन कर चुके हैं।
हड्डी रोग विशेषज्ञ में डॉक्टर नवीन गुप्ता मौजूद हैं। वहीं 33 स्त्री रोग विशेषज्ञ होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज में बड़ी सर्जरी संभव नहीं हो पा रही है। हैरानी तो इस बात की है कि यह सभी विशेषज्ञ इलाज करना चाहते हैं। ऑपरेशन थिएटर सहायक ना होने व स्टर लाइजर खराब होने के कारण यह सर्जन कोई जोखिम उठाना नहीं चाहते हैं। ऑपरेशन थिएटर में मशीन लंबे समय से खराब पड़ी है। हालातों के कारण मेडिकल कॉलेज की आधुनिक लैब में थायराइड जैसे टेस्ट भी संभव नहीं हो पा रहे हैं। जिस कारण निजी लैब संचालकों की खूब चांदी हो रही है।
उधर बाद दोपहर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व मौजूदा नाहन के विधायक डॉक्टर राजीव बिंदल अपने लाव लश्कर के साथ मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं को लेकर कॉलेज की प्रिंसिपल जयश्री से भी मिले। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन व अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट से जवाब तलबी भी की। उन्होंने कहा कि मात्र दो आटोक्लेव के कारण यदि मरीजों को सर्जन होने के बावजूद बाहरी राज्यों से ऑपरेशन कराने पर साधी डिलीवरी के केसों में सर्जिकल ऑपरेशन विभाग के चक्कर काटने पड़े, तो इसमें प्रबंधन की लापरवाही मानी जाएगी।