शिमला 21 अप्रैल : सरकारी स्कूलों में यज्ञ और हवन करवाने के मामले में हिमाचल ज्ञान-विज्ञान समिति ने हिमाचल प्रदेश सरकार के सचिव शिक्षा तथा निदेशक उच्च शिक्षा को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञान-विज्ञान समिति ने ऐसे आयोजनों को सरकारी स्कूलों में बंद करवाने की मांग की है। हिमाचल प्रदेश ज्ञान-विज्ञान समिति के राज्य अध्यक्ष डॉ.ओमप्रकाश और राज्य सचिव सत्यवान पुंडीर ने सरकारी स्कूलों में हवन और यज्ञ करवाने में शामिल अध्यापकों और कर्मचारियों पर नियमानुसार उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
सत्यवान पुंडीर ने बताया कि इन दिनों सरकारी स्कूलों में यज्ञ और हवन के मामले सामने आ रहे हैं। बीते दिनों 9 अप्रैल को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सरकाघाट में प्रधानाचार्य की देखरेख में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। इसी तरह का आयोजन मंडी जिला के सदर खंड के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गोखडा में भी रिपोर्ट किया गया है।
उन्होंने बताया कि बीते वर्ष आपदा के दौरान आईआईटी के निदेशक द्वारा हिमाचल के खानपान को लेकर इसी तरह का अवैज्ञानिक बयान दिया था, जिसका समिति ने कड़ा विरोध किया था।
उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई कि मंडी जिला में ही इस तरह की घटनाएं बार-बार क्यों हो रही है, इससे शंका पैदा होती है कि यहां पर्दे के पीछे से कोई विशेष ताकत है जो शिक्षा संस्थानों के माहौल को दूषित करने का काम कर रही है। प्रशासन को ऐसी घटनाओं का गंभीरता से संज्ञान लेकर गहन छानबीन करनी चाहिए।
सत्यवान पुंडीर ने बताया कि शिक्षा संस्थानों में इस तरह के आयोजन गैर संवैधानिक और गैर वैज्ञानिक है, जिससे संकीर्णता और अंधविश्वास को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने बताया कि स्कूल सार्वजनिक और पंथ निरपेक्ष परिसर है, जहां बिना किसी धार्मिक या जातीय भेदभाव या संकीर्णता के शिक्षा प्रदान की जाती है और की जानी चाहिए। स्कूलों में संवैधानिक मूल्यों पर अमल करना सिखाया जाता है। उसी तटस्थ परिसर में धर्म विशेष पर आधारित आयोजन और कर्मकांड करवाना और इसे बढ़ावा देना तर्कसंगत नहीं है। निदेशक उच्च शिक्षा ने इस मामले में जांच करने और उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।
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