शिमला, 15 मार्च : हिमाचल में स्वच्छ छवि के मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल के राजनीतिक जीवन में देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की भी भूमिका रही है। हालांकि, शांडिल के राजनीतिक कैरियर की पारी दिवंगत पंडित सुखराम ने शुरू करवाई थी। ये अलग बात है कि 25 सालों के दौरान मौजूदा में कर्नल धनीराम शांडिल की कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में खासी पकड़ है। सीडब्ल्यूसी (CWC) में भी रह चुके हैं।
अतीत को खंगालने पर पता चलता है कि 1999 में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री के नाते देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नल धनीराम शांडिल के पक्ष में नाहन के बड़ा चौक (Bara Chowk Nahan) में वोट मांगे थे। इसके बाद कालाअंब के होटल ब्लैक मैंगो (Hotel Black Mango) में भी गुर्जर समुदाय की जनसभा को संबोधित किया था।
दिवंगत मंत्री श्यामा शर्मा मोदी के कार्यक्रम की सूत्रधार थी। खास बात ये है कि कर्नल धनीराम शांडिल ने उस समय कांग्रेस के हैवीवेट गंगूराम मुसाफिर को पटखनी देकर लोकसभा की दहलीज को पार किया था। शांडिल ने 52.78 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे, जबकि मुसाफिर को 43.4 प्रतिशत वोट पड़े थे। लाजमी तौर पर आपके जेहन में ये भी सवाल कौंध रहा होगा कि दो अलग विचारधारा के राजनीतिक दल से ताल्लुक रखने वाले लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी कर्नल धनीराम शांडिल के पक्ष में वोट मांगने नरेंद्र मोदी क्यों आए थे।
दरअसल, 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हिमाचल में हिविकां के साथ गठबंधन किया था। शिमला संसदीय क्षेत्र हिविकां के हिस्से आया था। हालांकि, बाद में हिविकां का विलय कांग्रेस में हो गया था। वहीं, कुछ अरसे बाद नरेंद्र मोदी ने गुजरात में बतौर मुख्यमंत्री बागडोर संभाल ली थी। 1999 में बड़ा चौक के चबूतरे पर मोदी का संबोधन हुआ था। आपको बता दें कि पहले इसी चबूतरे पर बड़ी-बड़ी चुनावी जनसभाएं हुआ करती थी। यहां बमुश्किल 200-300 लोगों की भीड़ ही जुट पाती थी।
करीब 15 साल से बड़ा चैक के चबूतरे पर चुनावी जनसभा नहीं हुई हैै। मोदी के 1999 के नाहन प्रवास की फाइल तस्वीरें हाल ही में दिवंगत मंत्री श्यामा शर्मा के पौत्र भावन दत्त शर्मा ने भी साझा की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कर्नल धनीराम शांडिल को मौजूदा सांसद सुरेश कश्यप से हार का सामना करना पड़ा था।
गौरतलब है कि 25 सालों में कांग्रेस ने 2004 में सीट को जीता था। शांडिल ने ही भाजपा के एचएन कश्यप को मामूली अंतर से हराकर चुनाव जीता था। शांडिल को 39.94 प्रतिशत वोट पड़े थे, जबकि कश्यप को 38.40 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे।