शिमला, 13 मार्च : ग्राम पंचायतों को विकास के लिए मिलने वाली धनराशि को सरकार द्वारा अब डीआरडीए को भेजी जा रही है, जिससे पंचायती राज की शक्तियों का हनन हो रहा है। भाजपा संगठनात्मक जिला शिमला के अध्यक्ष प्रेम ठाकुर ने मंगलवार को जारी बयान में यह आरोप प्रदेश सरकार और ग्रामीण विकास विभाग पर लगाया है।
प्रेम ठाकुर का कहना है कि पंचायतों में आपदा राहत, विधायक निधि, सांसद निधि सहित विकास के लिए अन्य शीर्ष से मिलने वाली राशि विभाग द्वारा डीआरडीए को भेजी जा रही है और डीआरडीए द्वारा सरकार के इशारे पर काम के टेंडर अपने चहेतों को दिए जा रहें है जिसकी डीआरडीए द्वारा किए गए टेंडर बारे पंचायतों को कोई जानकारी नहीं है। सबसे अहम बात यह है कि जो कार्य अपने स्तर पर डीआरडीए द्वारा कराए जा रहे हैं उसकी रिर्पोट पंचायतों से मांगी जा रही है जोकि तर्कसंगत नहीं है।
प्रेम ठाकुर ने बताया कि बिना धनराशि से प्रधान अपनी पंचायतों में लाचार बन कर रह गए हैं। इनका आरोप है कि डीआरडीए के ठेकेदारों द्वारा कसुपंटी निर्वाचन क्षेत्र में सड़कों के रखरखाव के लिए सीधे तौर पर जेसीबी भेजी जा रही है, जिसकी पंचायतों को कोई जानकारी नहीं होती है और बाद रिपोर्ट पंचायत से मांगी जाती है। इस प्रकार के प्रयोग सरकार को आगामी लोकसभा चुनाव में भारी पड़ सकते हैं।
इनका कहना है कि इस क्षेत्र से ग्रामीण विकास एंव पंचायतीराज मंत्री होने के बावजूद भी कसुम्पटी निर्वाचन क्षेत्र की पंचायतों में सभी विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। स्कूलों और स्वास्थ्य संस्थानों में स्टाफ का अभाव होने से लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। एडीसी शिमला अभिषेक वर्मा ने बताया कि संबधित क्षेत्र के सांसद अथवा विधायक अपनी निधि को किसी भी एजेंसी को विकास कार्य के लिए दे सकते हैं जोकि उनका विशेषाधिकार है। इसके अतिरिक्त पंचायतों को मिलने वाली धनराशि चरणबद्ध तरीके से जारी की जाती है।