शिमला,18 फरवरी : हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अब प्री प्राइमरी से वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों तक एक ही क्लस्टर सिस्टम लागू होगा। सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। स्कूलों में आपसी समन्वय को बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश बनाए गए हैं, इन्हें लागू करने के लिए शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने अधिसूचना जारी की है, लिहाजा स्कूल क्लस्टर सिस्टम तत्काल प्रभाव से लागू होगा। 300 से 500 मीटर के दायरे में स्कूलों में यह सिस्टम लागू होगा।
यदि, शिक्षक लंबी छुट्टी के लिए जाता है तो उसे क्लस्टर कमेटी के अध्यक्ष व सदस्य सचिव को सूचना देनी होगी ताकि विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए किसी और शिक्षक की वैकल्पिक तौर पर व्यवस्था की जा सके। इस व्यवस्था को शुरू करने के लिए स्कूल क्लस्टर समिति बनेगी जिसमें वरिष्ठ माध्यमिक उच्च माध्यमिक पाठशाला के प्रिंसिपल या हेड मास्टर अध्यक्ष होंगे।
इसके अलावा कलस्टर में दोनों स्कूलों के एसएमसी में से एक-एक सदस्य होंगे,अभिभावक भी समिति के सदस्य हो सकते हैं। सरकार की इस पहल से 300 से 500 मीटर की दूरी पर उन पाठशालाओं में सिस्टम लागू होगा, जहां पर प्राथमिक पाठशाला होगी और दूसरी माध्यमिक अथवा उच्च पाठशाला माध्यमिक पाठशाला होगी। यह क्लस्टर स्कूल व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए का मॉडल के तौर पर कार्य करेंगे।
यह भी तय किया गया है कि जहां माध्यमिक स्कूलों के साथ प्राथमिक पाठशाला का क्लस्टर बनेगा, वहां हेड मास्टर और प्राथमिक स्कूल के इंचार्ज में से जो सेवा अवधि के आधार पर वरिष्ठ होगा, उसे क्लस्टर समिति का अध्यापक सदस्य सचिव बनाया जाएगा।
महीने के पहले सोमवार को बैठक
निर्देशों के मुताबिक प्रत्येक महीने के पहले सोमवार अथवा अगले कार्य दिवस पर क्लस्टर समिति बैठक होगी। अध्यक्ष की यह जिम्मेवारी होगी कि इसे सुनिश्चित करें। समिति के समस्त सदस्यों की बैठक में मौजूदगी अनिवार्य होगी। क्लस्टर समिति व एसएमसी स्कूल विकास योजना, वार्षिक शैक्षणिक योजना, वार्षिक कैलेंडर तैयार करेगी। स्कूलों को रिसोर्स एंड इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग फॉर एक्सीलेंस स्कूल क्लस्टर के नाम से जाना जाएगा।
एक प्रार्थना सभा
नए निर्देशों के मुताबिक यह तय किया गया है कि स्कूल क्लस्टर में शामिल स्कूलों की प्रार्थना सभा एक जगह होगी। यदि, प्राथमिक और उच्च शिक्षण संस्थान के मध्य कोई कठिनाई है, जिसकी वजह से छात्र नहीं आ सकते तो प्रार्थना सभा अलग-अलग करवाई जा सकती हैं। स्कूलों के बीच की दूरी 300 मीटर से अधिक हो तो ऐसी स्थिति में क्लस्टर समिति ही फैसला लेगी कि की प्रार्थना सभा एक जगह करवानी है या नहीं।
यदि सुबह की प्रार्थना सभा एक साथ नहीं हो सकती तो भी समय-समय पर प्राथमिक विद्यालयों को उच्च विद्यालय में प्रार्थना सभा में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को सुबह की प्रार्थना सभा के समय सभी गतिविधियों में भाग देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
एक जगह बनेगा मिड डे मील…
मिड डे मील को भी एक ही जगह बनाने का फैसला हुआ है। मध्याह्न भोजन के लिए रिकॉर्ड स्कूल अपने-अपने स्तर पर रख सकते हैं। कर्मचारी भी पहले से जिन स्कूलों में तैनात है, वही तैनात रहेंगे, उन्हें नहीं हटाया जाएगा। यदि स्कूल क्लस्टर में केवल एक ही खेल का मैदान है तो इसे साझा किया जाएगा।
प्राथमिक स्कूल के लिए अलग-अलग स्थान निर्धारित करके विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाया जाएगा। वहीं संगीत वाद्य यंत्र, खेल उपकरण भी एक दूसरे को उपलब्ध करवाया जाएंगे। साथ ही कंप्यूटर लैब, आईसीटी लैब पुस्तकालय, वाचनालय दोनों स्कूलों के विद्यार्थियों को समान रूप से उपलब्ध करवाए जाएंगे।