शिमला, 8 मई : यूजीसी ने हाल ही में भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में इनरोल विदेशी छात्रों के लिए एडमिशन व सुपरन्यूमरेरी सीट देने के निर्देश जारी किए हैं। एचपीयू सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय को ये निर्देश जारी किए गए हैं कि सुपरन्यूमरेरी सीटें वे हैं जो उपयुक्त प्राधिकारी व सरकार द्वारा स्वीकृत सीटों से अधिक हैं। इन नियमों को लागू करने से अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश देना आसान व अधिक व्यवहार्य हो जाएगा।
नई अधिसूचना के मुताबिक ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री के लिए अपने कुल सेक्शन इनरोलमेंट के अलावा अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए 25 प्रतिशत तक सुपरन्यूमरेरी सीटें स्थापित कर सकते हैं। 25 प्रतिशत सुपरन्यूमरेरी सीटों पर चयन उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा बेसिक स्ट्रक्चर, फैकल्टी और अन्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नियामक एजेंसियों द्वारा स्थापित स्पेसिफिक स्टैंडर्ड और रेगुलेशन के अनुसार किया जाना चाहिए।
संस्थानों को इन 25 प्रतिशत सीटों को उच्च शिक्षा संस्थान के सभी विभागों, स्कूलों, केंद्रों या अन्य शैक्षणिक इकाइयों में विभाजित करने का भी निर्देश दिया गया है। यूजी व पीजी कार्यक्रमों में सुपरन्यूमरेरी सीटें केवल अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए आरक्षित की जानी चाहिए। अगर सीटें खाली रह जाती हैं, तो उन्हें अंतर्राष्ट्रीय छात्र के अलावा किसी अन्य को नहीं सौंपा जाना चाहिए।
अधिकारी करेेंगे सीटों का मैनेजमेंट
प्रोफेशनल और टेक्निकल इंस्टीट्यूट में सुपरन्यूमरेरी सीटों का मैनेजमेंट उनके संबंधित वैधानिक अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। जबकि पीएचडी सीटें यूजीसी रेगुलेशन द्वारा गवर्न की जाएगी। इसके अलावा ऐसे सभी कॉलेजों को अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए एक कार्यालय बनाने की आवश्यकता है, जो साल-दर-साल जानकारी जैसे देश, संख्या, कार्यक्रम, विषय, अवधि आदि पर नजर रखते है। इसका मकसद विदेशी छात्रों को भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों की ओर आकर्षित करने व भारत को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक डेस्टिनेशन बनाने का है।
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