शिमला, 26 मई : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में घटिया और नकली दवाओं के निर्माण के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने एनजीओ पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस (NGO People for Responsible Governance) द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया।

एनजीओ ने याचिका में तर्क दिया कि हिमाचल प्रदेश में उचित दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं की कमी के कारण, कई निर्माता बाजार में घटिया और नकली दवाएं बेच रहे थे, जिससे भारत और विदेशों में बीमारी और यहां तक कि लोगों की जान भी जा रही थी।
अदालत ने अधिकारियों को अपने जवाब दाखिल करने और 30 करोड़ रुपये के उपयोग के संबंध में जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिसे केंद्र सरकार ने 2017 में लैब स्थापित करने के लिए मंजूरी दी थी। अदालत ने 2014 में बद्दी में उद्योगों द्वारा एक और परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने के संबंध में स्थिति रिपोर्ट मांगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि प्रतिवादी याचिका में व्यक्त की गई प्रत्येक चिंता से निपटने के लिए व्यापक जवाब दाखिल करेंगे।