नाहन, 01 फरवरी: एक-एक रुपया जोड़ कर गरीब चंद हजार जोड़ता है। ऐसे में अगर चंद हजार रुपए की राशि गुम हो जाए तो गरीब का चैन छिन जाता है। बर्मापापड़ी में दुकानदार गौरव गुप्ता की ईमानदारी की बदौलत सब्जी बेचने वाले संदीप को गुम हुआ पर्स मिल गया। इस पर्स में आधार कार्ड के अलावा 1370 रुपए की नकदी भी थी।
यकीन मानिए, संदीप के चेहरे पर पर्स वापस मिलते ही सुकून नजर आ रहा था, क्योंकि उसके लिए ये रकम मायने रखती थी। गौरव को दुकान के बाहर ही पर्स मिला। इसे खंगालने पर आधार कार्ड में संदीप का पता चला। गौरव ने संदीप से संपर्क साधा तो वो दौड़ा-दौड़ा गौरव की दुकान पर पहुंच गया। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में गौरव ने बताया कि उसे दुकान के बाहर ही पर्स मिला था। पर्स में मौजूद नकदी के साथ आधार कार्ड भी मिला।
इसके बाद संदीप से संपर्क हुआ। कुल मिलाकर ईमानदारी की इस मिसाल के पीछे बड़ा सामाजिक संदेश भी छिपा हुआ है। इसके मुताबिक अक्सर गरीब की ही रकम गुम होती है। कई मर्तबा दिहाड़ीदार मजदूरों ने रकम को अपने परिवार के किसी सदस्य के इलाज के लिए या घर में दो वक्त की रोटी के जुगा़ड़ के लिए जोड़ा होता है। आपकी ईमानदारी गरीब के चेहरे से खोई मुस्कान को वापस लौटा सकती है।