रिकांगपिओ, 01 फरवरी : जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो अक्सर लोग गाय को आवारा छोड़ देते है। लेकिन किन्नौर की “साथी दी हेल्पिंग हैंड्स” संस्था ने उन आवारा पशुओं का हमदर्द बन कर घास खिलाने का बीड़ा उठाया है। खास कर सर्दी के मौसम में जहां चारों तरफ बर्फ जमी हो, ऐसे में यह संस्था गाड़ियों से घास लाकर आवारा पशुओं को खिलाती है।
रिकांगपिओ, पावरी, खवांगी आदि स्थानों में सड़कों पर आवारा घूम रहे पशुओं को चारा उपलब्ध करवाने के साथ अस्थाई शैड बना कर पशुओं को रखा जाता है, ताकि बर्फबारी में ठंड से इन पशुओं की मौत न हो। यह संस्था पिछले कई वर्षों से इसी तरह आवारा पशुओं की हमदर्द बन कर देखभाल करती आ रही है।
दो दिन पूर्व भारी बर्फ़बारी के बाद मौसम साफ होते ही साथी दी हेल्पिंग हैंड्स के साथियों ने बेसहारा आवारा पशुओं को घास खिलाने का कार्य शुरू किया। संस्था के सदस्य बलदेव बिष्ट ने बताया कि लगातार बर्फबारी के कारण बेजुबान आवारा पशु भूखे पोवारी से रिकांगपिओ, सब्जी मोहल्लों में घूम रहे हैं। बेसहारा आवारा पशुओं को घास लाकर हर एक-दो दिन में खिलाया जा रहा है।
बिष्ट ने बताया कि यह कार्य कई वर्षों से करते आ रहे हैं। कोई भी सज्जन अगर इन बेजुबान पशुओं की सेवा करना चाहे तो घास व चारा देकर निस्वार्थ भाव सेवा करने के लिए आगे आ सकता है। साथी दी हेल्पिंग हैंड्स युवाओं का एक ग्रुप है, जो निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं। सरकार,प्रशासन से कोई मदद नही मिली है, ग्रुप के सदस्य आपस में कंट्रीब्यूशन करके इस कार्य को करते हैं।