धर्मशाला, 04 जनवरी : हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार के गठन के बाद बुधवार से प्रदेश की 14वीं विधानसभा के पहले शीतकालीन सत्र का धर्मशाला के तपोवन में आगाज़ हुआ।
तीन दिवसीय सत्र के पहले दिन आज सदन में सदस्यों के शपथ ग्रहण करने से पहले विपक्षी भाजपा आक्रामक तेवरों में नजर आई और पूर्व भाजपा शासन में खुले सैंकड़ों दफ्तरों एवं संस्थानों को बंद करने के वर्तमान सरकार के फैसले के विरोध में विपक्ष ने सदन में नारेबाजी व शोर शराबा किया। भाजपा विधायकों के हंगामे की वजह से शपथ ग्रहण निर्धारित समय पर शुरू नहीं हो पाया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा विधायकों से आग्रह किया कि पहले वे सदस्यों को शपथ लेने दे, इसके बाद अपनी बात रखें। प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष को अपनी बात उठाने का समय मिलेगा। 11 बजकर 13 मिनट पर सदन का माहौल सौहार्दपूर्ण हुआ और प्रोटेम स्पीकर ने सदस्यों को शपथ दिलाने का क्रम शुरू किया।
सबसे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शपथ ली। इसके बाद उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदस्य के तौर पर शपथ ली। इससे पहले पूर्वान्ह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर अपनी सीट पर खड़े हुए औऱ कांग्रेस सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के आखिरी वर्ष के कार्यकाल में खुले 600 से अधिक दफ्तरों व संस्थानों को वर्तमान सरकार बंद कर चुकी है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट में लिए गए फैसलों को कैबिनेट ही निरस्त कर सकती है। मगर बिना कैबिनेट के दफ्तर बंद किये गए हैं।
पिछली सरकार ने इन्हें जनहित में खोला था और अब इनका संचालन करना मौजूदा सरकार का काम है। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार 05 साल के लिए चुनी जाती है और इस अवधि में सरकार कोई भी फैसला ले सकती है।