मंडी, 04 जनवरी : हिमाचल प्रदेश में पूर्व की भाजपा सरकार में नई नगर निगमों का गठन किया गया, जिनमें से पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी भी शामिल है। जब नगर परिषद मंडी का दर्जा बढ़ाकर नगर निगम किया तो शहर ही नहीं, बल्कि इसमें शामिल किए गांव के लोगों को भी विकास के बड़े सपने दिखाए गए। लेकिन इसके विपरीत मंडी नगर निगम में आलम यह हो गया है कि यहां पर सड़कों को दुरूस्त करने के लिए शहर की पूर्व पार्षद ने वार्ड के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम करना पड़ रहा है।
पूर्व पार्षद एवं पुरानी मंडी निवासी सरिता हांडा ने बताया कि विभाग की लापरवाही के कारण यहां पर सड़क बीते लगभग 8 महीने से वन वे ही कर दी गई। जिससे यहां पर वाहनों का जाम लगा रहता था और यहां से पैदल चलने के लिए भी रास्ता नहीं रहता था। उन्होंने कहा कि यह जनता के पैसों का दुरूपयोग है और यहां पर प्रशासन को बेहतर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकार का सहयोग देना होगा तो उसके लिए भी वह तैयार हैं। उन्होंने बताया कि आज इस सड़क को मिट्टी और पत्थर डाल कर खुद ही समतल किया गया, ताकि यहां पर वाहनों की आवाजाही सुचारू हो सके।
वहीं, पुरानी मंडी के ही स्थानीय निवासी अश्वनी शर्मा ने बताया कि यह सड़क सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी सड़क से भारतीय सेना की रसद भी गुजरती है। सड़क के खराब रहने से यहां सभी को ऐसे में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं उन्होंने सरकार और विभाग से ऐसे ठेकेदारों का काम न देने की अपील की है, जिन्हें किसी काम को करने का अनुभव ही न हो। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां पर भी ठेकेदार आठ महीनों से मात्र 200 मीटर सीवरेज डालने के लिए बार-बार सड़क को तोड़ता रहा।
वहीं, पुरानी मंडी के स्थानीय निवासी दिनेश कुमार ने बताया कि प्रशासन व सरकार ने इस सड़क के बारे में बिल्कुल भी गौर नहीं किया, जबकि यहीं से कई वीवीआईपी और अधिकारी गुजरते हैं। जिसके बाद पुरानी मंडी के प्रबुद्ध लोगों ने खुद ही इस सड़क को दुरूस्त कर दिया है। यहां पर सड़क को मिट्टी और पत्थर डाल कर समतल किया गया है। अभी भी यहां पर सड़का को पक्का करने की जरूरत है, ताकि आम जनता को सुविधा मिल सके।