मंडी, 09 जुलाई : हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन के दायरे से बाहर और नई पेंशन स्कीम में आने वाले कर्मचारी प्रदेश की मौजूदा सरकार से नाराज नहीं हैं। लेकिन वे सरकार से पुरानी पेंशन को दोबारा से बहाल करने की मांग कर रहे हैं। ऐसा न होने की सूरत में हिमाचल प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारी आने वाले मानसून सत्र के दौरान हिमाचल विधानसभा का घेराव करने को मजबूर होंगे।
यह बात शनिवार को मंडी में पुरानी पेंशन की बहाली की मांग के लिए आयोजित जिला स्तरीय संकल्प रैली के दौरान न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कही।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कर्मचारी आज सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं लेकिन न जाने क्यूं हिमाचल प्रदेश की सरकार पुरानी पेंशन की घोषणा में इतना समय लगा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों में कर्मचारी सरकार का साथ तभी देंगे जब सरकार कर्मचारियों की एक मात्र प्रमुख मांग पुरानी पेंशन को बहाल करेगी।
उन्होंने कहा कि संघ ने हर जिला स्तर पर पुरानी पेंशन बहाली के लिए संकल्प रैलियां निकालने का फैसला लिया है जिसके बाद हिमाचल प्रदेश की मौजूदा सरकार का आगामी समय में होने वाले अंतिम विधानसभा सत्र के दौरान कर्मचारी परिवार सहित विधानसभा का घेराव करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब तक हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा और प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर से कर्मचारी हर हाल में पुरानी पेंशन ले कर रहेंगे। इससे पूर्व मंडी शहर के ब्यास सदन से कर्मचारियों ने विशाल रैली निकाली जो शहर के सेरी मंच पर आकर संपन्न हुई। इस दौरान भारी संख्या में मौजूद कर्मचारियों ने अपनी मांगों से संबंधित नारे भी लगाए। इस दौरान हल्की बारिश भी हुई लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़को पर डटे रहे।
वहीं इस दौरान प्रदेश के विभिन्न कोनों से मंडी संकल्प रैली में पहुंची महिला कर्मचारियों ने बताया कि एनपीएस कर्मचारियों के लिए नो पेंशन स्कीम बनकर आई है। नई पेंशन के सहारे जीवन और खासकर बुढ़ापा काटना मुश्किल होगा। महिला कर्मचारियों ने सरकार से मांग उठाई है कि पुरानी पेंशन हर हाल में बहाल की जाए ताकि सभी को राहत मिल सके। महिला कर्मचारियों ने एनपीएस को एक छलावा बताया।