कुल्लू, 14 जून : रविवार शाम लगभग 4:50 बजे बाड़ी के जंगल में बिजली की ट्रांसमिशन लाइन से लगी आग ने सोमवार को बंदल गांव में सेब के बगीचों को भी अपनी चपेट में ले लिया। आगजनी की घटना से लाखों की वन सम्पदा के साथ-साथ लोगों के सेब के बगीचों को भी नुकसान पहुंचा है। मंगलवार को ग्राम पंचायत हलाण-2 की प्रधान ने गांव बाड़ी के वार्ड पंच नैन प्रकाश व धर्मवीर के साथ जाकर सेब के बगीचों का जायजा लिया।
आगजनी से लोत राम, रेवत राम, बालक राम और पोषू के लगभग 70 से 80 सेब के पेड़ पूरी तरह से जल गए। साथ ही करीब 100 पेड़ आंशिक रूप से झुलस गए। बता दें कि आग को भड़कता देख वन विभाग के चौकीदार प्यारे लाल आग बुझाने मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कड़ी मशक्कत के बाद सोमवार शाम आग पर काबू पाया। पिछले 4 माह से बारिश न होने से आग ने देखते ही देखते पूरे जंगल को अपनी चपेट में ले लिया।
ग्रामीण लोत राम ने बताया कि यह आग कंचनजंगा पॉवर प्रोजेक्ट की ट्रांसमिशन लाइन में स्पार्क होने की वजह से लगी है। उन्होंने बताया कि रविवार शाम 5 बजे ट्रांसमिशन लाइन में धमाके के साथ चिंगारियां उठी, जिससे घास ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते आग पूरे जंगल में फैल गई। ट्रांसमिशन लाइन से इस जंगल की वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा है।
गौरतलब है कि 24 मेगावॉट के इस पॉवर प्रोजेक्ट की ट्रांसमिशन लाइन को जंगल के बीच से फोजल सब स्टेशन तक टॉवर के स्थान पर पोल पर ले जाया गया है। कई स्थानों पर तारों की ऊँचाई ज़मीन से काफ़ी कम है, जिससे स्पार्क होने से जंगल में आग भड़कने की संभावना अधिक रहती है। स्थानीय लोगों केहर सिंह, लोत राम, बालक राम, अमर चंद आदि ने प्रशासन से प्रोजेक्ट की ट्रांसमिशन लाइन को बीच जंगल से पोल पर ले जाने की छानबीन करने की अपील की है और आग्रह किया है कि वन संपदा और स्थानीय जनता को नुकसान पहुंचाने के लिए उक्त प्रोजेक्ट पर सख़्त कार्रवाई की जाए।
वहीं बता दें कि आग से 3-4 लोगों के बगीचों में सेब लगे 80 पेड़ पूरी तरह नष्ट हो गए है, जिससे उन्हें लगभग तीन से चार लाख का नुकसान हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों ने आग का कारण कंचनजंगा पावर प्रोजेक्ट की लाइन में स्पार्क को बताया है।