नाहन,14 जून : हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती। ये बात शहर के समीपवर्ती गांव जलपाड़ी के रहने वाले 25 साल के विक्रम सिंह ने साबित कर दिखाई है। युवक ने नाहन से चूड़धार (Churdhar Peak) पैदल जाने व आने की जिद्द की थी, इसे विक्रम ने कर दिखाया है। खास बात यह है कि विक्रम सिंह को अप व डाउन (जाना व आना) का पैदल तय करने में लगभग 96 घंटे का समय ही लगा। मतलब, पुरे चार दिन में वो चोटी पर पहुंचा भी साथ ही लौट भी आया।
युवक को चोटी तक पहुंचने में करीब 55 घंटे का समय लगा था, जिसमे दो रात्रि ठहराव संगड़ाह व नौहराधार में थे, लेकिन वापसी में केवल एक रात्रि ठहराव नौहराधार में ही हुआ। लिहाजा वापसी का सफर विक्रम व अभिलाष ने लगभग 41 घंटे में पूरा किया। अमूमन वाहनों में जाने वालो को भी दो से तीन लग जाते है, क्योंकि वाहन में थकाने वाले सफर के बाद पैदल चढाई तोड़ देती है।
सोमवार को दोस्तों की जोड़ी ने कमाल ही कर दिया। नौहराधार से सीधे नाहन का सफर करीब 22 घंटे में ही तय कर डाला। हालांकि पहले जोड़ी ने ददाहू में रात्रि ठहराव का कार्यक्रम बनाया था, लेकिन वो रात को ही ददाहू से नाहन के लिए चल पड़े। ददाहू से नाहन का अंतिम पड़ाव इस कारण जोखिम भरा था क्योंकि जंगल होने की वजह से जानवरो के मिलने का भी खतरा था। रातो-रात नाहन पहुंचने की जिद्द में “भोले शंकर” (Bhole Shankar) ने भी पूरा आशीर्वाद बनाए रखा। रात को पैदल सफर रिस्की होने के बावजूद भी विक्रम सिंह व अभिलाष ने रात को ही सफर तय कर लिया।
14 जून की सुबह करीब साढ़े तीन बजे स्टार्टिंग पॉइंट (Starting Point) पर पहुंच गया। बता दे कि 10 जून की शाम को ददाहू से लगभग 5 किलोमीटर आगे विक्रम सिंह को दोस्त “अभिलाष” ने भी ज्वाइन (Join) कर लिया था। इसके बाद का सफर दोनों दोस्तों ने एक साथ ही तय किया। मंगलवार सुबह दोस्तों की टोली “भोले के भक्तों” को रिसीव करने बस स्टैंड पहुंच गई थी।
उधर, एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में विक्रम सिंह ने वापसी में जमटा के आस-पास ऐसा लगा कि वो गिर जायेंगे फिर “भोले बाबा” से ऐसी शक्ति मिली कि लक्ष्य के मुताबिक वो नाहन बस स्टैंड पहुंच गए। परिवार ने बेटे की सफल चूड़धार यात्रा पर सोमवार को “भगवान शिव” (Bhagwan Shiv) का धार्मिक अनुष्ठान भी रखा है। विक्रम का कहना है कि वो समाज को सकारात्मक संदेश देने में सफल हुए है।