शिमला, 26 मार्च : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) के पांच दिव्यांग पीएचडी शोधार्थियों ने केंद्र सरकार की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फेलोशिप अर्जित कर एक नया इतिहास रचा है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एमफिल और पीएचडी (MPhil and PhD) के विद्यार्थियों को मेरिट के आधार पर यह फेलोशिप देता है। यह पहला अवसर है कि इतनी बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के दिव्यांग विद्यार्थियों (Handicapped students) ने यह सफलता प्राप्त की। कुलपति आचार्य एसपी बंसल ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को इन होनहार छात्रों पर गर्व है।
विश्वविद्यालय के विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी अजय श्रीवास्तव ने बताया कि पीएचडी कर रहे जिन विद्यार्थियों को राष्ट्रीय फेलोशिप मिली है उनमें राजनीति विज्ञान विभाग (Department of Political Science) की दृष्टिबाधित छात्रा प्रतिभा ठाकुर के अलावा चार शारीरिक दिव्यांग शोधार्थी – शिक्षाशास्त्र विभाग के मुकेश कुमार, इतिहास विभाग के राजपाल, योग विभाग के संजय भैरव और वाणिज्य विभाग (Commerce department) के हेम सिंह शामिल हैं।
नोडल अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हर वर्ष मेरिट (Merit)के आधार पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के सिर्फ 200 चुनिंदा विद्यार्थियों को जूनियर रिसर्च फैलोशिप (JRF) के समकक्ष फेलोशिप प्रदान करता है। उनमें से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU)के पांच विद्यार्थियों को फेलोशिप मिलना गर्व की बात है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श शिक्षण संस्थान के तौर पर विकसित हो रहा है। यहां विभिन्न विषयों में 8 दिव्यांग विद्यार्थी जूनियर रिसर्च फैलोशिप (Junior Research Fellowship) प्राप्त करके पीएचडी कर रहे हैं। इनमें सवीना जहां एवं रमा (हिन्दी), अंजना ठाकुर (बॉटनी), श्वेता शर्मा (संगीत) अजय कुमार (इतिहास), पंकज शर्मा (एमटीए) अनु (संस्कृत) और विमल जाटव (पत्रकारिता) शामिल हैं।
कुलपति आचार्य एसपी बंसल ने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थी समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। यदि उन्हें सुविधाएं और प्रोत्साहन मिले तो वे किसी भी ऊंचाई को छू सकते हैं।