शिमला (एमबीएम न्यूज): हिमाचल प्रदेश विधानसभा की फिजा आज वर्षों बाद आज फिर से शायराना नजर आई। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर अक्सर अपने-अपने कार्यकाल में विधानसभा में खूब शेरो शायरी करते रहे हैं जिसकी आज मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने बजट भाषण में फिर से याद दिला दी। मुख्यमंत्री ने अपने खिलाफ चल रही विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों की जांच के बावजूद प्रदेश में उनका सुशासन से ध्यान हटाने में विपक्ष के नाकाम रहने पर इस शेर के माध्यम से कटाक्ष किया।
‘‘मुझे मालूम है कि मुझ में इन्सान जिंदा है जमाने में इसी कारण मेरी पहचान जिंदा है।
मुझे जीना था जितना अपनी खातिर जी लिया मैंने, जीऊं देवभूमि की खातिर दिल में ये अरमान जिंदा है।।’’
राज्य में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों के स्कूल छोडऩे की दर को शून्य तक ले जाने के अपने संकल्प को मुख्यमंत्री ने कुछ यूं बयान किया. कोई भी लक्ष्य बड़ा नहींए जीता वही जो डरा नहीं। अपनी सरकार के कुशल प्रशासन को मुख्यमंत्री ने इस तरह से बयान किया।
‘‘ वो पथ क्या, पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न होंए।
नाविक की धैर्य कुशलता क्याए जब धाराएं प्रतिकूल न हो।।’’
विधायकों की एच्छिक निधि बढ़ाने पर मुख्यमंत्री ने विपक्ष की ओर निशाना साधते हुए कहा।
‘‘ छूं न सकूं आसमां तो कोई बात नहीं, आपके दिल को छू लूं ये क्या कम है।’’
किसानों और बागवानों के जंगली जानवरों से दर्द को मुख्यमंत्री ने अपने इस शेर के माध्यम से यूं बयान किया.
‘‘ जो हंस कर सहता अक्सर मार मौसम कीए विधाता कीए करेंगे हम सुरक्षा पूर्णतरू उस अन्नदाता की।’’
प्रदेश के सामान्य वर्ग के बीपीएल परिवारों के लिए आवास योजना की घोषणा का जिक्र मुख्यमंत्री ने अपने इस शेश्र के माध्यम से किया.
‘‘ जिस दिन से चला हूं मेरी मंजिल पर है नजर। आंखों में कभी मील का पत्थर नहीं देखा।।’ ’’
लघु उद्योगों को प्रोत्साहित कर रोजगार के अवसर सृजित करने की अपनी वचनबद्धता मुख्यमंत्री ने कुछ यूं प्रकट की.
‘‘ खामोशी से भी कर्म होते हैंए मैंने देखा है पेड़ों को छाया देते हुए।।’’
नशे की बुराई पर मुख्यमंत्री ने इस शेश्र के माध्यम से कटाक्ष किया.
‘‘ विकल्प मिलेंगे बहुत मार्ग भटकाने के लिए। संकल्प एक ही काफी है मंजिल तक जाने के लिए।।’’
कौशल विकास भत्ते को मुख्यमंत्री ने कुछ इस अंदाज में बयान किया.
‘‘ कड़ी मेहनत जो करता हैए उसी का सूरज चढ़ता है सफलता के वही इन्सा नए प्रतिमान गढ़ता है’
तजुर्बों से बड़ों के सीख लेकर के अगर सच में युवा शक्ति बढ़े आगे तभी तो देश बढ़ता है।’’
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार पर मुख्यमंत्री ने कहा.
‘‘ कह दो अंधेरों से कहीं और घर बना ले, मेरे प्रदेश में रौशनी का सैलाब आया है। ’’
इसी तरह सामाजिक सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री इस शेश्र के माध्यम से काफी सकारात्मक नजर आए.
‘‘ समय की धारा में सब बह जाया करते हैंए लेकिन कुछ लोग होते हैं जो इतिहास बनाया करते हैं।। ’’
मुख्यमंत्री ने सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा.
‘‘ आओ झुक कर सलाम करें उनको जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है
खुश नसीब होते हैं वे लोग जिनका लहू इस देश के काम आता है।। ’’
मुख्यमंत्री ने अपना बजट भाषण इस शेर के साथ समाप्त किया.
‘‘ कुछ तुम बदल के देखोए कुछ हम बदल के देखें
जैसे भी हो दिलों के मौसमए बदल के देखें
ये आईने भला क्या बदलेंगे अपनी सूरत
आओ कि अपनी सूरत खुद हम बदल के देखें।। ’’