हमीरपुर, 29 अगस्त : हिमाचल के हॉकी कोच रोमेश सिंह पठानिया(Himachal Hockey Coach Romesh singh Pathania) को शनिवार को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(President of India) के हाथों द्रोणाचार्य पुरस्कार(Dronacharya award) प्राप्त हुआ है। राष्ट्रपति द्वारा यह पुरस्कार वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान दिया गया। पठानिया द्वारा यह प्रतिष्ठित पुरस्कार(Prestigious award) प्राप्त करने पर क्षेत्र भर में प्रसन्नता की लहर है। देश को 19 ओलंपियन, 7 अर्जुन पुरस्कार विजेता, 2 पदम श्री विजेता व एक राजीव गांधी खेल रतन पुरस्कार विजेता खिलाड़ी देने वाले रोमेश सिंह पठानिया ने इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए लगातार 30 वर्षों तक संघर्ष किया। इस दौरान उन्होंने देश के लिए 21 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी(International players) दिए। पठानिया ने बताया कि उनके प्रशिक्षण के दौरान भारत की हॉकी टीम(Indian hockey team) ने सब जूनियर एशिया कप में गोल्ड मेडल, अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में दो बार सिल्वर मेडल तथा लड़कियों की जूनियर टीम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर (International level) पर कांस्य पदक जीतने में सफलता हासिल की है।
वर्तमान हॉकी टीम(Indian hockey team) में भी उनके द्वारा प्रशिक्षित दो खिलाड़ी(Two players) देश के लिए खेल रहे हैं। उनके अधीन प्रशिक्षित देश के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर(National and International) पर नामी खिलाड़ियों में सरदारा सिंह, संदीप सिंह, श्रीजेश, बीआर रघु, एसवी सुनील, विलियम खालको, बीरेंद्र लाकड़ा, चंदी, अदानिस मुस्तफा, रुपेंद्र पाल, कर्मवीर सिंह, सरवण जीत, विवेक चौहान, पिंगलिंग ताना, सौथा जीत आदि नाम प्रमुख है। वर्तमान समय में पंजाब नेशनल बैंक(Punjab National bank) की टीम के कोच पर कार्यरत रोमेश सिंह पठानिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाई परफॉर्मेंस कोच(High Performance coach) का प्रशिक्षण भी 2007 में ही प्राप्त कर चुके हैं।
पठानिया ने बताया कि 1992 में वह तमिलनाडु(Tamilnadu) में पहली बार कोच बने थे। वर्ष 2000 में उन्हें एयर इंडिया नेशनल अकादमी दिल्ली (Air India National Academy) में तैनात किया गया, जहां वह 10 वर्ष तक सेवाएं देते रहें। इसी कार्यकाल के दौरान वह लड़कियों की जूनियर, लड़कों की सीनियर व जूनियर भारतीय टीम(Junior Indian team Coach) के कोच भी रहे।
पठानिया मूलतः हमीरपुर(Hamirpur) जिला के गसोता गांव के रहने वाले हैं, परंतु 1971 में ही उनका परिवार नादौन आकर बस गया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बोहनी स्कूल में हुई। उसके बाद वह बाल स्कूल हमीरपुर में पड़े, जहां बीएस सेन ने उनकी हॉकी की प्रतिभा(Hockey Talent) को पहचान लिया और वह स्पोर्ट्स हॉस्टल अमृतसर(Sports hostel Amirtsar) चले गए। यहां पर जेसीटी फगवाड़ा की टीम के लिए खेलते रहे, तुरंत बीमार होने के कारण उन्होंने हॉकी खेलना छोड़ दिया और 1990 में उन्होंने कोचिंग का डिप्लोमा कर लिया, उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। रमेश पठानिया का बेटा भी हॉकी का खिलाड़ी है। पठानिया की उपलब्धि पर जिला भर में प्रसन्नता की लहर है।