संगड़ाह : डिग्री कॉलेज संगड़ाह में कार्यरत नॉन मेडिकल स्ट्रीम के आखिरी प्रवक्ता का भी यहां से तबादला हो गया। प्रिंसिपल के लंबी छुट्टी पर होने के चलते कार्यालय अधीक्षक द्वारा फिजिक्स के एसिस्टेंट प्रोफेसर गोविंद राम को यहां से धर्मशाला के लिए रिलीव किया गया। सुपरीटेंडेंट राजेन्द्र सिंह के अनुसार क्लास वन पद होने के चलते बिना रिलीवर भेजने संबंधी दुर्गम इलाकों के लिए निर्धारित शर्त उक्त प्राध्यापक पर लागू नहीं होती।
यहां केमिस्ट्री व गणित का पहले ही एक भी प्रवक्ता न होने के चलते महाविद्यालय के कर्मचारियों के अनुसार अब नॉन-मेडिकल के दाखिले संभवत नहीं होंगे। गत वर्ष के बाद इस बार भी केमिस्ट्री की प्रैक्टिकल परीक्षा न होने तथा गणित की असाइनमेंट न भेजे जाने से विज्ञान संकाय के छात्रों व अभिभावकों में रोष है। वर्ष 2018 से अब तक सूबे की कल्याणकारी सरकार, कॉलेज प्रशासन तथा शिक्षा निदेशक द्वारा इस दूरदराज के महाविद्यालय के विज्ञान संकाय के छात्रों के लिए दो-चार सप्ताह के लिए भी पीटीए अथवा प्रति नियुक्ति के आधार पर केमिस्ट्री व गणित के प्राध्यापकों की व्यवस्था नहीं की जा सकी। पीटीए के माध्यम से भी उक्त पद नहीं भरे जाने पर विद्यार्थी परिषद ने नाराजगी जताई।
महाविद्यालय में रसायन विज्ञान, गणित, फिजिकल एजुकेशन, संगीत व इंग्लिश आदि विषयों के एसिस्टेंट प्रोफेसर के सभी पद खाली है तथा उक्त सब्जेक्ट पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य राम भरोसे हैं। नियमानुसार यहां विज्ञान संकाय के छात्रों के प्रेक्टिकल के लिए अन्य महाविद्यालयों से एसिस्टेंट प्रोफेसर प्रतिनियुक्त करवाए जाने की वजाय प्रशासन द्वारा स्टाफ की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर उतरे छात्रों को गत वर्ष 15 दिन में स्टाफ का झांसा दिया गया तथा इसके बाद अन्य महाविद्यालयों में पलायन की राय दी गई। उक्त राय के बाद उपमंडल मुख्यालय पर मौजूद इस कॉलेज के बीएससी द्वितीय वर्ष के सभी 14 छात्र हालांकि नाहन व अन्य शहरों के महाविद्यालयों के लिए पलायन कर चुके हैं, मगर गरीब परिवारों के लिए शहरों में मोटी रकम खर्च कर छात्रों को पढ़ाना आसान नहीं है।
खाली पदों को लेकर जहां महाविद्यालय के छात्र विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं, वहीं एसडीएम संगड़ाह के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भी भेज चुके हैं। सीएम हेल्पलाइन पर भी छात्रों द्वारा शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है। इतना ही नहीं विद्यार्थी परिषद द्वारा की गई अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को गत 14 सितंबर 2019 को भाजपा मंडल अध्यक्ष, स्थानीय एसडीएम तथा थाना प्रभारी द्वारा यह आश्वासन देकर खुलवाया गया कि, पंद्रह दिन के भीतर खाली पदों को भरा जाएगा। तब से आज तक न तो स्टाफ मिला और न ही प्रेक्टिकल परीक्षा के लिए प्राध्यापकों की व्यवस्था की गई।
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