राजगढ़, 10 मई : अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती राजगढ़ में बड़े धूमधाम के साथ मनाई गई। इसका आयोजन ब्राह्मण समाज कल्याण इकाई राजगढ़ के सौजन्य से किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय शिरगुल मंदिर के प्रागंण में हवन यज्ञ से किया गया, जिसमें ब्राह्मण समाज कल्याण के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम शर्मा सहित अनेक पदाधिकारियों ने भाग लिया।
तदोपंरात शिरगुल मंदिर से शिरगुल चौक तक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें समाज के सभी वर्गों के सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया। भगवान परशुराम के जयघोष से समूचा राजगढ़ गुंजाएमान हो उठा।
इस मौके पर आचार्य सुभाष शर्मा ने अपने प्रवचन में भगवान परशुराम के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भगवान परशुराम विष्णु के छठे अवतार और जमदग्नि ऋषि व माता श्री रेणुका के पुत्र हैं, जिनका जन्म वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हुआ था। उन्होंने पृथ्वी पर हो रहे पाप व अधर्म का नाश करके धर्म की रक्षा की। भगवान परशुराम आठ चिरंजीवी में से एक है, जोकि आज भी अजर और अमर हैं।
आचार्य सुभाष शर्मा ने बताया कि धार्मिक ग्रंथों में अक्षय तृतीया को चार स्वयं सिद्ध मुहूर्त में एक माना जाता है, जबकि अन्य तीन स्वयं सिद्ध मुहूर्त में दीपावली, दशहरा और चैत्र शुक्ल प्रतिपदा माने जाते हैं। इन चार स्वयं सिद्ध मुहूर्त में किया हुआ कोई भी शुभ माना जाता है।
ब्राह्मण समाज कल्याण इकाई राजगढ़ के अध्यक्ष हरदेव भारद्वाज ने बताया कि परशुराम जयंती के अवसर पर ब्राह्मण समाज कल्याण इकाई राजगढ़ द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया था, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
परशुराम जयंती का आयोजन राजगढ़ में धूम धाम से किया गया। कार्यक्रम में विधायक पच्छाद रीना कश्यप, नायब तहसीलदार राजगढ़ दयानंद शर्मा, प्रसिद्ध भागवत कथाकार सुभाष शर्मा, ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम शर्मा, उनकी धर्मपत्नी चित्रा शर्मा, ब्लॉक कांग्रेस राजगढ़ के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर, शहरी कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रम ठाकुर, साई कोऑपरेटिव सोसायटी के चेयरमैन राजकुमार सूद, समाज सेवी निहाल रपटा, नगर पंचायत के उपाध्यक्ष कपिल ठाकुर, अरविंद राय, प्रमोद पुंडीर, भूतपूर्व सैनिक संगठन राजगढ़ के सदस्यों सहित सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया।
इस अवसर पर पहले शिरगुल मंदिर में हवन और पूजा का आयोजन किया गया। उसके बाद भगवान परशुराम की शोभा यात्रा शिरगुल मंदिर राजगढ़ से निकलकर शिरगुल चौक पर पहुंची । कार्यक्रम के बाद भंडारे का आयोजन भी किया गया जिसमें सैकड़ों लोगों ने भंडारा ग्रहण किया।
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