शिमला: वितीय संकट से जूझ रहे यस बैंक का मामला बुधवार को विधानसभा में गूंजा। बजट चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार का भारी भरकम पैसा यस बैंक में फंसा हुआ है। राज्य सरकार के कांगड़ा सहकारी बैंक की 150 करोड़ की एफडी भी यस बैंक में है। इसके अलावा स्मार्ट सिटी का 75 फीसदी पैसा यानी 179 करोड़ भी यस बैंक में जमा है। राज्य सरकार की ऐसी क्या मजबूरी थी कि बड़े पैमाने पर पैसा इस बैंक में जमा करवाया गया।
सदन के नेता व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी माना कि यस बैंक में हिमाचल के सरकारी व निजी सैक्टर का काफी पैसा जमा है। लेकिन पैसा जमा करवाने का सिलसिला वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में नहीं, बल्कि कांग्रेस सरकार के वक्त शुरू हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2004 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने यस बैंक को लाइसेंस दिया था और इसमें डिपोजिट फंड भी कांग्रेस कार्यकाल में शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि इस बैंक के डूबने की स्थिति पैदा होनी दुर्भाग्यपूर्ण हैं। केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि बैंक में जमा पैसे को डूबने नहीं दिया जाएगा।