शिमला : हिमाचल विधानसभा में बुधवार को वितीय वर्ष 2020-21 के बजट पर चर्चा प्रारंभ हुई। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने चर्चा शुरू करते हुए कर्जों समेत विभिन्न मुद्दों पर सरकार की घेराबंदी की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बजट पूरी तरह दिशाहीन है और इसमें राजस्व जुटाने का जिक्र तक नहीं किया गया है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अब तक 10 हजार करोड़ का कर्ज उठा चुके हैं और अपनी सरकार का कार्यकाल पूरा करने तक प्रदेश पर कर्ज का बोझ 75 हजार करोड़ पहुंच जाएगा, जबकि भाजपा सरकार के सत्ता संभालते वक्त सूबे पर 47 हजार करोड़ का कर्जा था। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर सबसे मंहगे मुख्यमंत्री साबित होंगे। वह सबसे ज्यादा कर्ज लेने के लिए अपना नाम अंकित करवाएंगे। अग्निहोत्री ने प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए कर्जों का तिथिवार उल्लेख भी किया। कहा कि यह चैंकाने वाली बात है कि बजट पेश करने से पहले सरकार को 1160 करोड़ का कर्जा लेना पड़ा है। अग्निहोत्री बोले कि यह बात अचंभित करने वाली है कि मुख्यमंत्री बजट भाषण में कर्जों की जानकारी छिपा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश की विकास दर गिरना चिंताजनक है। विकास दर 7.1 से गिरकर 5.6 फीसदी पहुंच गई है। बीते 20 सालों में यह पहली बार हुआ है। इससे प्रदेश सरकार के एक साल में किए गए विकास की पोल खुल गई है। बजट चर्चा के दौरान अग्निहोत्री ने यह भी कहा कि 1063 करोड़ की लागत से मंडी में बनने वाले हवाई अड्डे के लिए केंद्र की विभिन्न एजेंसियों ने राज्य सरकार को फंड देने से इंकार कर दिया है। ऐसे में यहां हवाई अड्डा बनाना मुख्यमंत्री का सपना ही रह जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट में उद्योगों को कोई राहत नहीं दी गई है। बीबीएन से 500 औद्योगिक इकाइयां पलायन कर चुकी हैं। इन इकाइयों में काम करने वाले आठ हजार कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।