संगड़ाह: एक वक्त रहा है, जब चूड़धार चोटी पर सफर करने वाले श्रद्धालुओं को कुछ दूरी पर पत्थरों की ढेरी मिलती थी। दरअसल, यह इस बात को इंगित करती थी कि आप ठीक रास्ते पर चल रहे हैं। इस बात से वाकिफ श्रद्धालु भी पत्थर की ढेरी में पत्थर को डालना नहीं भूलते थे। पिछले कुछ सालों से चूड़धार चोटी पर जाने वाले श्रद्धालुओं की आमद में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
ऐसे भी मौके आते हैं, जब एक साथ 10 हजार श्रद्धालु वहां होते हैं। यही वजह है कि श्रद्धालुओं के भटकने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। इसी के मद्देनजर वन व पुलिस विभाग ने नौहराधार से चूड़धार के बीच करीब 40दिशा सूचक लगाए हैं, जो चोटी पर चढ़ रहे श्रद्धालुओं को रास्ता बताएंगे। नौहराधार से चोटी की दूरी 18 किलोमीटर है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी इस कार्य में भूमिका निभाई है। चंद महीने पहले एक भटके युवक को हेलीकाप्टर के माध्यम से रेस्क्यू किया गया था।
कुछ सप्ताह पहले भी बाहरी राज्यों के श्रद्धालु भटक गए थे। दीगर है कि चोटी पर चढ़ने या उतरने के दौरान अगर एक कदम भी गलत दिशा में चला जाए तो भटकना तय हो जाता है। अहम बात यह है कि मोबाइल के सिग्नल न होने के कारण भी भटके श्रद्धालुओं को संपर्क साधना मुश्किल हो जाता है। रास्ते में लगाए गए दिशा सूचकों में मोबाइल सिग्नल को लेकर भी चेतावनी लिखी गई है।