सुंदरनगर: सुंदरनगर पुलिस में बतौर एसएचओ तैनात इंस्पेक्टर गुरबचन सिंह रणौत को डीएसपी पदोन्नति के बाद एक और तोहफा मिला है। जानकारी के अनुसार डीएसपी गुरबचन सिंह रणौत को भारत सरकार के गृह विभाग द्वारा इस वर्ष 15 अगस्त के मौके पर राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा गया है। वहीं गृह विभाग द्वारा प्रदेश पुलिस के अन्य दो अधिकारियों बहादुर सिंह व मनोज कुमार को भी राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।
डीएसपी गुरबचन सिंह रणौत को यह सम्मान उनके द्वारा पुलिस सेवा के दौरान उत्कृष्ठ कार्यों को लेकर दिया गया है। डीएसपी गुरबचन सिंह रणौत पुलिस विभाग में प्रत्येक ट्रेनिंग के दौरान हमेशा अव्वल ही रहे। गुरबचन सिंह अखिल भारतीय स्तर की पुलिस ट्रेनिंग में देश के अन्य राज्यों से आए हुए पुलिस अधिकारियों को पछाड़ कर प्रथम स्थान भी पा चुके हैं। गुरबचन सिंह रणौत ने कहा कि उनका जन्म गांव ठडोह,डाकघर भटवाड़ा, तहसील घुमारवीं, जिला बिलासपुर में हुआ था।
उन्होंने कहा कि उनके पिता का नाम गुरदीप सिंह व माता प्रयाग देवी थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता वर्ष 1966 में भारतीय सेना से बतौर सूबेदार सेवानिवृत हुए थे। उन्होंने कहा कि देश के प्रति कार्य करने की इच्छा और जुनून के कारण पुलिस में भर्ती होने का मन बनाया। उन्होंने प्रदेश पुलिस में अपना सफर वर्ष 1984 में बिलासपुर के लुहणू ग्राउंड में आयोजित भर्ती उर्तीण कर बतौर आरक्षी फर्स्ट बटालियन जुंगा से शुरू किया। इसके उपरांत वर्ष 1988 से 2003 तक बतौर ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर तैनात रहे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में उन्हें बतौर एएसआई के तौर पर पदोन्नति मिली और वर्ष 2007 में पालमपुर पुलिस थाना में तैनात रहे।
इसके उपरांत वर्ष 2008 में बतौर एसआई के पद पर पदोन्नति प्राप्त कर कुल्लू सदर पुलिस स्टेशन में तैनाती पाई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 से 2011 तक एसएचओ आनी के तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 से 2014 तक एसएचओ मेक्लोडगंज व वर्ष 2014-2017 एसएचओ पालमपुर तैनात रहे। गुरबचन सिंह ने बतौर एसएचओ सुंदरनगर का कार्यभार वर्ष 2017 में संभाल कर अभी तक अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
गुरबचन सिंह ने प्रदेश पुलिस के लिए वर्ष 1988 से 2003 तक बॉलीवाल नेशनल टीम का प्रतिनिधित्व भी किया है। गुरबचन सिंह ने कहा कि पुलिस विभाग की विभिन्न ट्रेनिंग के दौरान हमेशा उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में सेवाएं देने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाते हुए स्नातक की डिग्री प्राप्त की।