एमबीएम न्यूज/नाहन
एक सिरमौरी बेटे ने अपनी काबलियत को समाज के प्रति समर्पित कर दिया। एक बार नहीं, बल्कि दो बार 6 गरीब रोगियों के लिए चैरिटी रन की। द ग्रेट सिरमौर रन-2 में तो 24 घंटे तक चौगान मैदान में ट्रेडमिल पर ही भागते रहे, मगर मौजूदा जयराम सरकार से अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा को धोखा ही मिला है। अब थक कर अन्य राज्यों में पलायन पर सोचने को मजबूर हो गए हैं।
आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि 14 बार सुनील को सरकारी नौकरी देने की फाइल तैयार हुई, लेकिन कोई नतीजा आज तक नहीं निकला। मई 2018 में माईना बाग के हैलीपैड पर सिरमौर के हरेक भाजपा नेता ने सुनील को डीएसपी पद देने के मुद्दे पर हस्ताक्षर किए। सीएम जयराम ठाकुर से हरिपुरधार मेले में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने मुलाकात करवाई। सीएम ने कहा था कि जब तमाम नेता एकजुट हैं तो लाजमी तौर पर डीएसपी का रैंक दिया जाएगा।
दरअसल प्रदेश के खेल विभाग को सुनील शर्मा की उपलब्धियों को हटकर देखना होगा, क्योंकि इस धावक ने देश के अलावा विदेशों में भी अपनी एक पहचान बनाई है, जो अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए हर पल समर्पित रहता है। सुनील शर्मा का कहना है कि बार-बार सचिवालय के चक्कर काट-काट कर थक चुके हैं। 14 बार फाइल सचिवालय पहुंची, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
सुनील की मानें तो चार-पांच मर्तबा व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिल चुके है। खेल मंत्री हर बार आश्वासन देते हैं। कुल मिलाकर धावक सुनील शर्मा के तर्कों पर विश्वास करें तो उन्हें मौजूदा सरकार से केवल धोखा ही मिला है।