अभिषेक मिश्रा/बिलासपुर
समाज में बहुत कम ऐसी प्रतिभाएं होती हैं जो न सिर्फ अपने खानदान बल्कि अपने क्षेत्र का भी नाम रोशन करती हैं। अगर यह ख्याति इलाके तक ही सीमित न होकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक हो जाएं तो गौरव और भी बढ़ जाता है। जी हां, यहां बात हो रही बिलासपुर नगर के रौड़ा सेक्टर में रहने वाले क्रिकेटर अनुज पाल दास की। अनुज पाल दास भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के लैवल थ्री कोच हैं। पूरे भारत में केवल 68 कोच हैं जबकि हिमाचल में इस डिग्री वाले केवल दो ही कोच हैं जिनमें एक कोच अनुज पाल दास हैं। वर्तमान में अनुज पाल दास अरूणाचल प्रदेश राज्य में बतौर कोच अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इससे पहले अनुज पाल दास त्रिपुरा राच्य के कोच रह चुके हैं।
विराट कोहली, शिखर धवन, विरेंद्र सहवाग के कोच रहे हैं एपी दास बिलासपुर के लिए यह बहुत गौरव को विषय है कि अनुज पाल दास वर्ष 2008 में संपन्न हुई प्रो. डी बी देवधर ट्राफी-2007-08 में नार्थ जोन टीम में बतौर कोच अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उल्लेखनीय है कि नार्थ जोन टीम में उस समय विरेंद्र सहवाग ने कैप्टन की भूमिका अदा की थी जबकि गौतम गंभीर वाईस कैप्टन, उदय कौल विकेट कीपर थे और विराट कोहली (मौजूदा कप्तान भारतीय क्रिकेट टीम), शिखर धवन, यशपाल सिंह, प्रदीप सागवान, पारस डोगरा, विशाल भाटिया, रजत भाटिया, मनप्रीत गोनी, अमित मिश्रा, संजय भढवार तथा विक्रमजीत मलिक शामिल थे। टीम कोच अनुज पाल दास, मैनेजर सुशील कपूर तथा फिजियो बद्री थे।
क्रिकेट को ध्येय मानते हुए व्यवसायिक योग्यता अनुज पाल दास ने अप्रैल 2007 में बीसीसीआई की नेशनल क्रिकेट अकैडमी द्वारा आयोजित लेवल- सी कोर्स किया। जबकि इसी स्थान पर वर्ष 2005 में लेवल- बी तथा 2004 में लेवल-ए मोहाली से पास किया, इस कोचिंग कैंप में अनुज पाल दास प्रथम स्थान पर रहे। यही नहीं अनुज एनएसएनआईएस पटियाला (पंजाब) से वर्ष 2004 में क्रिकेट स्पोर्टस कोचिंग में डिप्लोमा भी प्राप्त कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि पूरे भारत में बीसीसीआई में लेवल-3 के कुल साठ कोच हैं जिनमें हिमाचल से दो है। इनमें अनुज पाल दास एक हैं।
देश के विभिन्न राच्यों व विभिन्न टीमों को प्रशिक्षण देने का अनुभव बिलासपुर के अनुज पाल दास वर्तमान में अरूणाचल प्रदेश टीम के कोच तथा वहां पर नवोदित क्रिकेटरों को इस खेल की बारिकियों से रूबरू करवा रहे हैं। इससे पूर्व वर्ष 2016-17 में त्रिपुरा राज्य क्रिकेट टीम के कोच रहे। यही नहीं वर्ष 2016 से लेकर 2018 तक त्रिपुरा रणजी ट्राफी, विजय हजारे और सैयद मुश्ताक अली ट्राफी के के लिए टीम के चीफ कोच रहे। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोशिएशन में 2009 से 2016 तक कोचिंग में सहायक निदेशक पद पर सेवारत रहे।
2007 से 2014 तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में एचपीसीए की आवासीय क्रिकेट अकादमी के चीफ कोच, वर्ष 2008-09 तथा 2010-11 में देवधर ट्राफी व दलीप ट्राफी में नार्थ जोन टीम के कोच बन कर प्रदेश को सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाया। इसके अलावा अनुज ने 2000-01 में रणजी ट्राफी में हिमाचल की टीम में बतौर सहायक कोच, तथा अंडर-22, अंडर-19, अंडर-17, अंडर-15 में कोच के तौर पर अपनी सेवाएं दी। अनुज पाल दास ने वर्ष 2005 में आस्ट्रेलिया की न्यू साऊथ
वेल्स यूनिवर्सिटी टीम के खिलाफ हिमाचल की टीम का कोच के तौर पर नेतृत्व किया। दाएं हाथ के बेहतरीन बल्लेबाज रहे अनुज ने अपने
जिले की टीम को 1999 से लेकर 2003 तक एक कोच व एक खिलाड़ी के रूप में भी प्रतिनिधित्व किया। एक अनुभवी क्रिकेट कोच के तौर पर अर्जित उपलब्धियां अनुज पाल दास द्वारा अर्जित की गई उपलब्धियां अन्यों के मुकाबले कहीं बेहतर है। एक कोच के तौर पर कई कीर्तिमान स्थापित करने वाले अनुज पाल दास ने इस अल्पकाल में बुलंदियों के कई झंडे गाढ़े है। एक कोच के तौर पर त्रिपुरा क्रिकेट टीम ने लगातार तीन मैचों में शानदार जीत दर्ज कर
इतिहास रचा है। दलीप ट्राफी में नार्थ जोन की टीम इन्हीं की रहनुमाई में उपविजेता रही थी। वर्ष 2011-12 में हुई कूच बिहार ट्राफी के अंडर-19 मुकाबले में सेमीफाईनल में प्रवेश किया। वर्ष 2008 में हुई विजय हजारे ट्राफी में प्रदेश रणजी एक दिवसीय मैच ऋंखला के इतिहास में पहली बार नॉक आऊट के लिए क्वालिफाई किया। इसी तरह अंडर-19 कूच बिहार ट्राफी के सैमीफाइनल में प्रवेश कर इतिहास रचा। इसी टीम ने 2006- 07 में प्लेट ग्रुप में तीसरा स्थान अर्जित किया। 2007-08 में अंडर-17 हिमाचल टीम ने विजय मर्चेंट ट्राफी के ईलीट ग्रुप में खेलते हुए नॉक आऊट की बाधा को पार करते हुए
क्वार्टर फाइनल में प्रवेश पाया। कुलदीप यादव से लेकर कई दिग्गजों को सीखा चुके हैं स्पिन गेंदबाजी की बारिकियां नेशनल क्रिकेट अकैडमी के अनुभवों को सांझा करते हुए अनुज पाल दास ने बताया कि मई 2010 में अंडर-16 बीसीसीआई के तत्वाधान में आयोजित शिविर में स्पिन बाऊलिंग कोच की भूमिका निभाई। इस शिविर में वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिनर कुलदीप यादव, अंकुश बैंस आदि मौजूद थे। वहीं धर्मशाला में वर्ष 2012 में एनसीए के तहत संपन्न विश्वविद्यालय टीम के राष्ट्रीय शिविर में कोच की भूमिका निभाई।
इसके अलावा अनुज पाल दास ने नार्थ जोन अंडर-16, नार्थ जोन अंडर-19, सेंटर जोन अंडर-16 में भी कोच रहते हुए अपनी सेवाएं जारी रखी। बतौर खिलाड़ी व्यक्तिगत उपलब्धियों में भी कम नहीं रहे अनुज एक कोच की भूमिका में सफलता के झंडे गाढ़ते हुए प्रदेश को ऐतिहासिक विजय दिलाने वाले अनुज पाल दास अपने समय के एक सफल क्रिकेटर रहे हैं। 1999-2000 में इन्होंने रणजी ट्राफी में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया। जबकि वर्ष 2002 में इंग्लैंड में रिडर्स साऊथ्ज्ञ यार्कशायर क्रिकेट लीग में ब्रांजले क्रिकेट क्लब के लिए बतौर ओवरसीज खिलाड़ी प्रतिनिधित्व किया।
छह बार लगातार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय क्रिकेट टीम का बतौर कप्तान और खिलाड़ी प्रतिनिधित्व करने वाले अनुज ने जिले का नाम रोशन किया है। इसके अलावा इंटर वर्सिटी नार्थ जोन, विजय मर्चेंट अंडर-15 चैंपियनशिप में हिमाचल टीम को लीड किया। मूलत बिलासपुर के रहने वाले है अनुज बिलासपुर के स्वंतत्रता सेनानी लाला धर्मदास आर्य के पुत्र राजेंद्र पाल दास व माता संतोष दास के घर (मंडी) 9 जनवरी 1974 को जन्मे अनुज पाल दास की प्रारंभिक शिक्षा मिनर्वा पब्लिक चंडीगढ़, डीएवी बरमाणा, डीएवी मंडी, सेंट स्टीफंस मंडी तथा राजकीय डिग्री कालेज बिलासपुर से स्नातक की उपाधि हासिल करने के बाद एचपीयू से एमए इंग्लिश व वकालत की पढ़ाई पूरी की।
कठुआ की पूजा से परिणय सूत्र में बंधे अनुज वर्ष 2004 में अनुज पाल दास कठुआ जम्मू पूजा से परिणय सूत्र में बंधे। वर्तमान में अनुज दो बच्चों बेटी ईशानी व बेटे अरिंदम के पिता हैं।
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