वी कुमार/मंडी
जिनकी नई-नई शादी हुई हैं और जो महिलाएं पहली बार करवाचौथ का व्रत करने जा रही हैं, उनके लिए इस बार का व्रत शुभकारी नहीं रहेगा। साथ ही इस बार व्रत का उदयापन (छिद्र) भी शुभकारी नहीं रहने वाला है। बता दें कि यह सब शुक्र ग्रह के सौर मंडल में अस्त होने के कारण होगा। शुक्र ग्रह 1 नवंबर तक अस्त रहेंगे और उसके बाद उनका उदय होगा। हिंदू धर्म में अस्तों के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। करवाचौथ का व्रत शुरू करना तथा इसका उदयापन करना भी शुभ कार्य माने जाते हैं।
ज्योतिष विज्ञान परामर्श केंद्र मंडी के संचालक पंडित रामलाल ने बताया कि इस बार करवाचौथ का व्रत अस्त तिथि में आ रहा है। इसलिए नई दुल्हनों के लिए और उदयापन के लिए इसे वर्जित माना जा रहा है। बाकी सभी प्रकार की स्त्रियां इस व्रत को करके अपने पति की दीर्घायु की कामना कर सकती हैं। वहीं इस बार के करवाचौथ के व्रत वाले दिन भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा।
जो महिलाएं इस बार व्रत रखेंगी वह गणेश भगवान का पूजन जरूर करें। पंडित रामलाल ने बताया कि इस बार व्रत चतुर्थी तिथी में आ रहा है और इसके स्वामी भगवान गणेश हैं। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा। रात को भी चंद्र देवता को अर्घ देकर व्रत खोलने से पहले भगवान गणेश का पूजन जरूर करें।