वी कुमार / मंडी
हिमाचल प्रदेश में बीते तीन वर्षों से आयोजित किए जा रहे “साईंस कांग्रेस” को अब साईंस फैस्टिवल के नाम से जाना जाएगा। इस बात की जानकारी यानी हिमाचल प्रदेश कांउसिल फॉर साईंस, टैक्नोलॉजी एंड साईंस (हिमकोस्ट) के सदस्य सचिव कुनाल सत्यार्थी ने तीसरे राज्य स्तरीय साईंस कांग्रेस के समापन समारोह के दौरान दी। उन्होंने बताया कि बहुत से प्रदेशों में इसका नाम बदलकर साईंस फैस्टिवल किया गया है, क्योंकि इसे वहां एक उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।
इसलिए हिमकोस्ट ने भी इस बाबत भारत सरकार को इसका नाम “कांग्रेस” से बदलकर “फैस्टिवल” करने का प्रस्ताव भेजा है। भारत सरकार की मजूंरी मिलने के बाद प्रदेश में इसे साईंस फैस्टिवल के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष चौथा जो राज्य स्तरीय समारोह होगा उसे साईंस फैस्टिवल के रूप में ही मनाया जाएगा। सत्यार्थी ने बताया कि प्रदेश में होने वाले साईंस कांग्रेस कुछ अगल हैं। यहां चर्चा भी होती है और प्रदर्शनियां भी लगाई जाती हैं जिसमें बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं। यही कारण है कि इसे साईंस फैस्टिवल के रूप में मनाने के साथ इसका नाम बदलने की सोची जा रही है।
कुनाल सत्यार्थी का यह बयान उस समय आया है जब प्रदेश में नाम परिवर्तन को लेकर खूब हो हल्ला हो रहा है। जाहिर सी बात है कि साईंस के साथ जुड़ा “कांग्रेस” शब्द कई मायने निकालता है। विरोध दल की पार्टी का नाम भी यही है। हालांकि हिमकोस्ट की नाम बदलने की सोच कुछ और हो सकती है लेकिन भविष्य में इसके कई मायने भी निकाले जा सकते हैं। वैसे बता दें कि “कांग्रेस” का हिंदी में मतलब सम्मेलन या महासभा से होता है न कि किसी राजनैतिक दल से। साईंस कांग्रेस देश में वर्षों से आयोजित होती आ रही है।