एमबीएम न्यूज़ /शिमला
कांग्रेस ने शहर में पानी की घोर किल्लत के लिए भाजपा शासित नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एवं पार्टी के विधि विभाग के अध्यक्ष आईएन मेहता ने आज यहां एक पत्रकार वार्ता में कहा कि नगर निगम अपनी जिम्मेवारियों को पूरा करने में पूर्ण रूप से विफल रहा है और विधि विभाग के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंप कर नगर निगम को बर्खास्त करने की मांग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि नगर निगम की गलत कार्यशैली की वजह से शिमला शहर में पानी का संकट खड़ा हुआ है और इस कारण देश-विदेश में शिमला की छवि को भी नुकसान पहुंचा है। सबसे अधिक नुकसान पर्यटन सीजन को पहुंचा है। पर्यटकों ने होटलों में अपनी एडवांस बुकिंगें रद्द करवा दी हैं। मेहता ने कहा कि पानी की किल्लत से शहरवासियो में आक्रोश व्यापत है और वे रोजाना सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पानी के हक के लिए लड़ाई लड़ना जनता का नैतिक अधिकार है, लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं सहित प्रदर्शन करने वालों पर मामले दर्ज किए जा रहे हैं। राजनीतिक द्वेष की भावना से विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर एफआईआर में नामजद किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि पानी की समस्या को सुलझाने में नगर निगम और सरकार विफल रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि जलसंकट के चलते शिमला का मशहूर इंटरनेशनल समर फैस्टिवल स्थगित करना पड़ा। इसी तरह यहां के स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। शिमला की मेयर व डिप्टी मेयर का न तो अपने पार्षदों और न ही सरकार के साथ कोई तालमेल है। एमसी एक्ट में साफ लिखा है कि अगर नगर निगम अपनी जिम्मेवारी का सही तरीके से निर्वहन नहीं कर पाती है, तो एमसी एक्ट के सैक्शन 404 के साथ राज्यपाल निगम को बर्खास्त कर सकते हैं।
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