जंजैहली (लीलाधर चौहान) : उपमंडल जंजैहली के ग्रांम पंचायत शिल्हीबागी के चर्चित रेप मामले की पुष्टि थाना प्रभारी जंजैहली मोहन जोशी ने सोमवार को टेलिफोन पर मिडिया को देते हुए बताया था कि पीडिता का उसके माता पिता थाने में नहीं लाए थे जिस कारण वे मामला दर्ज नहीं कर पाए थे।
आपको बता दे कि थाना प्रभारी जंजैहली ने मिडिया से पीडिता और परिजन को थाने में भेजने का आग्रह करते हुए बताया था कि वे जल्द ही उनकी समस्या को देखते हुए मामला दर्ज करके दोषी के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाएगें मगर अब तो मामले को मात्र अफवाह बता रहे है। लडकी के माता पिता और पीडिता के व्यान में जब दुर्व्यवहार होने की बात सामने अभी भी आ रही है तो पुलिस छेडछाड का मामला तक दर्ज क्यों नहीं कर रही है ये सोचने वाली बात है।
क्या कहते है डीएसपी?
इस मामले बारे डीएसपी करसोग करण ने मिडिया को फोन करके धमकाने का प्रयास भी किया और कहा कि उन्हें 30 सालों का अनुभव है कही पत्रकार को लडके वाले पक्ष के साथ रेजिंस या लडाई झगडा तो नहीं हुआ है कि झूठा मामला दर्ज करवाना चाहता हो। उन्होने ये भी कहा कि पीडिता जब कुछ नहीं करना चाहती तो वे भी कोई कार्यवाही नहीं कर सकते मगर सवाल ये भी है कि डीएसपी साहव को मालूम है कि जब कोई नाबालिक छात्रा का मामला थाने में आता है तो उस सम्बंध में थाने के मुंशी को अपने प्रभारी या फिर उनसे बात करनी चाहिए थी मगर ऐसा नहीं हुआ जिससे पुलिस की कार्य प्रणली पर संदेह नजर आ रहा है।
एक तरफ पुलिस मामले की पुष्टि दे रही है तो दूसरी ओर मामले को दबाने का प्रयास जारी है आखिर क्यों कि जंजैहली पुलिस कर्मियों की नौकरी दांव पर है या फिर कोई ओर बात, कुछ कहा नहीं जा सकता। सवाल तो उस गरीब व अनुसुचित परिवार पर भी खडा होता है कि अगर उनके साथ कोई घटना ही नहीं घटी थी तो वे थाने क्यों गए। दूसरा यह भी कि थाने के बाद जब वे घर पहुंचे तो समझौता कर दिया कहीं वे पैसे के लालच में आकर ये झूठा मामला बनाना तो नहीं चाहते थे तो उन पर भी पुलिस को मामला दर्ज करना चाहिए।
ये भी सवाल है कि थाने में बैठकर अगर मुंशी किसी गरीब या अमीर को सलाह देने का काम कर रहा है तो उनके खिलाफ भी मामला दर्ज होना चाहिए। थाने के मुंशी को चाहिए कि जब कोई भी उनके पास अपनी शिकायत लेकर आता है तो तुरंत अपने रजिस्टर पर तो रपट तो दर्ज करे फिर मामले के बारे सोचने का बक्त दे।