हरिपुरधार(मनीषा ठाकुर): यदि काम के प्रति जज्बा हो तो मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान हो जाता है। स्वयं सहायता समूह जय मां भंगायिणी हरिपुरधार की महिलाओं ने भी ऐसे ही मुश्किल काम को अंजाम देकर सफलता प्राप्त की है। नाबार्ड बैंक के सहयोग से अरावली संगठन के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के प्रति जागरुक करने के लिए हरिपुरधार में जय मां भंगाइणी स्वयं सहायता के नाम से एक महिला संगठन बना है।
इस समूह की सभी महिलाओं ने हरिपुरधार मेले में एक स्टॉल लगाने की योजना तैयार की। इस कार्य को षुरु करने से पहले महिलाओं के सामने कई प्रकार की चुनौतियां थी। कार्य को अंजाम देने के लिए सबसे बड़ी समस्या पैसे की थी। इसके लिए महिलों ने यूको बैक की हरिपुरधार शाखा से दो लाख का लोन लिया। महिलाओं के सामने मुश्किलों का अंबार था। बैंक से पैसे मिलने के बाद एक समस्या तो हल हो गई।
अब दुसरी समस्या यह थी कि इन पैसों से मेले में क्या काम करेंगी। महिलाएं मेले में कुछ नया करना चहाती थी इसलिए फैसला लिया गया कि वह मेले में मिट्टी से बने बर्तनों व उस सामान को बेचेंगी, जो क्षेत्र की संस्कृति से लुप्त होने की कागार पर है। समस्या भी थी कि यदि समान की बिक्री नहीं हुई तो बैंक का कर्ज किस तरह चुकाया जाएगा। महिलाओं ने आखिर में ठान ली कि जो भी होगा बाद में देखा जाएगा। बुलंद हाैंसले के साथ महिलाओं ने बर्तन खरीद कर मेले में स्टॉल लगा दिया।
महिलाओं का प्रयास रंग लाया। उनके सभी बर्तन हाथों हाथ बिक गए। इससे महिलाओं को लगभग 30 हजार का मुनाफा हुआ। यह समूह अन्य महिला संगठनों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन गया है। समूह के अध्यक्ष मथुरा भिमटा, महासचिव अनीता राणा, संतोष, बबली, लक्ष्मी, रेखा, श्यामा व संध्या ने बताया कि सभी महिलाएं ने मेले में कुछ नया करने की ठान ली थी।
हालांकि इस को काम शुरु करने से पहले उनके सामने कई प्रकार की चुनौती थी। मगर उन्होंने सभी चुनौतियों का डट कर सामना किया और आखिर में सफलता प्राप्त की। महिलाओं ने बताया कि वह अपने इस प्रयास से काफी खुष है।