जीता सिंह नेगी/रिकांगपिओ
किन्नौर जिला में सोमवार शाम से ही जारी बर्फबारी का सिलसिला बुधवार को भी पूरे दिन जारी रहा। जिला मुख्यालय रिकागपिओ में बुधवार को जहाँ 2 फीट से भी अधिक बर्फ दर्ज की गई, वहीं पर्यटन स्थल छितकुल में 3, कल्पा, सांगला,असरंग, नेसंग, रोघी व कुनो-चारंग में ढाई फ़ीट, किल्बा 3 इंच , चोलिंग , टापरी व भावानगर आदि स्थानों पर भी 2 इंच तक बर्फ दर्ज की गई है। किन्नौर में जारी बारी बर्फबारी के कारण कई स्थानों पर ग्लेशियरों के गिरने की भी सूचनाएं प्राप्त होने लगी है। प्राप्त जनकारी के अनुसार टिंकू नाला, भगत नाला, जंगी नाला सहित सांगला से करछम के बीच 6 स्थानों पर व सांगला से छितकुल के बीच भी 5 स्थानों पर ग्लेशियरों के गिरने की सूचनाएं प्राप्त हुई है। इसी तरह जिला के और भी कई स्थानों पर ग्लेशियरों के गिरने की भी सूचनाएं प्राप्त हो रही है।
मंगलवार शाम से पूरे जिले में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से ठप पड़ चुकी है। अभी लोग मोमबत्तियों के सहारे रात काटने को मजबूर हो गएहैं। जिले मे बुधवार 2 बजे तक हिमाचल पथ परिवहन निगम की सभी 54 रूट पूरी तरह प्रभावित रहे। बुधवार 2 बजे के बाद टापरी से रामपुर की और निगम की बसों को चलाया गया। रिकागपिओ सहित किन्नौर का ऊपरी क्षेत्रो में जन जीवन पूरी तरह से ठप पड़ गया है। इस क्षेत्रो के सड़क मार्गो पर बारी बर्फबारी होने के कारण वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप पड़ गयी है। समाचार लिखे जाने तक जिला के किसी भी स्थान से किसी भी अप्रिय धटना की कोई खबर नही है।
उधर उपाध्यक्ष वन निगम हिमाचल प्रदेश सूरत नेगी ने बताया कि मंगलवार से ही किन्नौर जिला में बारी बर्फबारी ही रही है। सभी सड़क मार्गों को बहाल करने के लिए सरकारी मशीनरीज के अलावा प्राइवेट मशीनों को भी हायर किया गया है ताकि अवरुद्ध मार्गो को जल्द बहाल किया जा सके। विधुत विभाग को भी जल्द विजली रिस्टोर करने के लिए कहा गया है। सम्बंधित विभाग द्वारा खाद्य सामग्रियों का भंडारण पर्याप्त मात्रा किया जा चुका है।
उधर डीसी डॉ मेजर अविन्दर शर्मा ने कहा कि बर्फ़बारी के कारण अवरुद्ध हुए सड़क मार्गो को खोलने का कार्य जारी है। मौसम साफ रहा तो वीरवार तक सभी अबरुद्ध मार्गो को बहाल कर दिया जाए। मौसम को देखते हुए सभी लोगो से अपील की जाती है कि अनावश्यक नदी नालों की और न जाये। ग्लेशियरों के गिरने व लैंड स्लाइड होने का खतरा बना हुआ है-