बद्दी (एमबीएम न्यूज) : हिमाचल प्रदेश सरकार ने नगर और ग्राम योजना संशोधन अध्यादेश 2016 को लागू करते हुए प्रदेश के भवन मालिको के लिए नई रिटेंशन पालिसी जारी की है। इसके तहत बीबीएन विकास प्राधिकरण के तहत आने वाले वाशिंदो के लिए प्राधिकरण ने इस नीति के तहत आने वाले प्रावधानों का विस्तार से ब्यौरा दिया।
बरोटीवाला विश्राम गृह में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बददी, बरोटीवाला, नालागढ़ प्राधिकरण के सीईओ आईएएस अधिकारी ललित जैन ने बताया कि इस पालिसी के तहत भवनों को जहां है जैसे हैं के आधार पर नियमित किया जाएगा। बीबीएन एरिया का कोई भी नागरिक अपने भवन को नियमित कराने के लिए 1100 रुपये की फीस लगाकर आनलाईन आवेदन कर सकता है। इस नई पालिसी में उन अवैध भवनों को नियमित किए जाने का प्रावधान रखा गया है जिन्होने सैट बैक ज्यादा कवर कर ली है या एक मंजिल पास कराकर उसके उपर ज्यादा मंजिलों का निर्माण कर लिया है।
सरकारी जमीन या पार्क की जमीनों पर किए गए निर्माण इस पालिसी के दायरे से बाहर रहेंगे उनको नियमित नहीं किया जाएगा। गृह निर्माण के नक्शे पास करवाकर उसमें व्यावसायिक गतिविधियों करने वालों को भी इसमे राहत दी गई है और सीएलयू फीस देकर भवन को कामर्शियल करवा सकेंगे।
ललित जैन ने बताया कि आवेदन करने की अंतिम तिथि 29 जुलाई रखी गई और इस तिथि तक आने वाले आवदेनों पर ही एक साल के अंदर विचार किया जाएगा। उसके बाद अपने भवनों को नियमित न करवाने वालों का बिजली पानी कनेकशन काट दिया जाएगा। भवनों को नियमित करने के दौरान विकास प्राधिकरण की टीम सैटेलाईट से फोटो भी लेगा ताकि कोई चूक न हो। अगर आवेदक को सीईओ बीबीएनडीए द्वारा दिए गए फैसले से संतुष्ट नहीं है तो वह सैक्ट्री टीसीपी को अपील कर सकेगा। इस अध्यादेश के नियम प्रदेश सरकार द्वारा बसाए गए औद्योगिक क्षेत्रों जैसे डीआईसी, एचपीएसआईडीसी व हिमुडा औद्योगिक क्षेत्रों में लागू नहीं होगे। निजी भूमि में स्थापित उद्योग इस पालिसी में अपने उद्योग नियमित करवा सकेंगे जिन्होने मूल नकशे से ज्यादा भवन निर्माण किया है या सैट बैक में कमी की है।
ऐसे होगा फीस निर्धारण
शहरी क्षेत्र यानि एमसी में आने वाले एरिया में भवन नियमित करवाने के लिए 800 रुपये प्रति वर्ग मीटर की फीस निर्धारित की गई है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यही फीस आधी यानि 400 रुपये प्रति वर्ग मीटर रहेगी। यही पालिसी मंजिलों पर भी लागू होगी। बीपीएल व ईवीएस के तहत आने वाले लोगों के लिए फीस में 50 फीसदी छूट का प्रावधान रखा गया है।
देना होगा प्रमाण पत्र
ललित जैन ने बताया कि कोई भी भवन नियमित तभी हो सकेगा जब इसके लिए इंजीनियर स्ट्रक्चल स्टैबिलिटी प्रमाण पत्र जारी करेगा। यानि जो भवन जोखिम वाले होंगे उनको गहन परीक्षण के बाद नियमित किया जाएगा।