मंडी : ऐसी कोई फील्ड नहीं बची जहां महिलाएं पुरूषों का मुकाबला करके आगे न बढ़ रही हों। बात चाहे विज्ञान की हो या पहलवानी की। महिलाएं हर क्षेत्र में खुद को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेने आई महिला पहलवान पुरूषों के मुकाबले अधिक प्रतिस्पर्धा दिखा रही हैं। यहां जारी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में महिलाओं की 22वीं जूनियर कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। देश के सभी राज्यों से आई लगभग 350 महिला पहलवान भाग ले रही हैं। सभी प्रतियोगिता को जीतकर आगे जाने के लिए अपना पूरा दमखम दिखा रही हैं।
उत्तर प्रदेश से आई पहलवान भारती बघेल और हरियाणा से आई पूजा करम बताती हैं कि आज पहलवानी के क्षेत्र में भी महिलाओं के पास बहुत कुछ करने को है। कुश्ती के माध्यम से जहां अपनी-अलग पहचान बनाई जा सकती है। देश की इन भावी महिला पहलवानों का एक ही लक्ष्य है और वह है देश को ओलंपिक में मैडल दिलाना। याद रहे कि 2016 के ओलंपिक में देश को सिर्फ एक मैडल मिला था और उसे दिलाने में पहलवान साक्षी मल्लिक ने जी-तोड़ मेहनत की थी।
हिमाचल प्रदेश कुश्ती संघ के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. संजय यादव ने बताया कि महिलाएं आज कुश्ती जैसे खेल में बेहतर नाम कमा रही हैं। सरकारों की तरफ से भी महिलाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए पूरा मौका दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में जो भी महिला प्रतिभागी मैडल हासिल करेंगी उन्हें राष्ट्रीय कैंप में जाने का मौका दिया जाएगा, जहां से वह आगे की प्रतियोगिताओं के लिए चयनित होंगी।
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