नाहन : लाजमी तौर पर प्रचुर पेयजल पाना है तो सड़कों की खस्ताहालत से जूझना पड़ेगा। मगर समन्वय की कमी के कारण परेशानी दोगुना हो रही है। बीती रात करीब 10 बजे के आसपास अचानक ही देहली गेट पर पाइपों को बिछाने के लिए सड़क की खुदाई शुरू कर दी गई। करीब 100 मीटर पहले ट्रक चालक को कोई यह बताने वाला नहीं था कि आगे सड़क बंद है, लेकिन चालक की ड्राईविंग कुशलता को देखकर हर कोई हैरान भी हुआ। कंडक्टर ने भी बखूबी सूझबूझ का परिचय दिया। सड़क की चौड़ाई से ट्रक की लंबाई ज्यादा थी। इसके अलावा टनों सरिया भी लदा हुआ था। बावजूद इसके ट्रक को सफलतापूर्वक मोड़ लिया गया। करीब 10-15 मिनट तक सड़क पर आन दो, आन दो, आन दो…चलता रहा। अन्यथा ट्रक के फंसने की सूरत में ट्रैफिक व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती थी। सोचिए अगर, मामूली सी चूक होती तो सीधे ट्रक चौगान मैदान में होता। ये तो हिमाचली ट्रक चालकों को सलाम है कि जो ऐसे जोखिम में भी ड्राईविंग कर लेते हैं।
यह सुनिश्चित नहीं किया गया कि शिमला की तरफ से आने वाले वाहनों को मालरोड पर एंटर करते ही सचेत कर दिया जाए। नतीजा यह हुआ कि भारी वाहन ठीक उस जगह तक पहुंचते रहे, जहां खुदाई चल रही थी। जैसे-तैसे वाहनों को मोड़कर वापस ले जाया जा रहा था। वीरवार सुबह पौने 12 बजे के आसपास अचानक ही मालरोड की खुदाई भी की जाने लगी। खंगालने पर पता चला कि समन्वय की कमी के कारण स्थिति खराब हो रही है। यहां तक की मालरोड पर जेसीबी चल रही थी। वहीं, गुन्नुघाट की तरफ से निजी बसें भी गंतव्य की तरफ जा रही थी।
प्रश्न इस बात पर भी पैदा होता है कि शहर की इस व्यवस्था को लेकर ट्रैफिक पुलिस व आईपीएच के ठेकेदार का समन्वय क्यों नहीं रहता। अंदरखाते पता किया गया तो जानकारी मिली कि ट्रैफिक पुलिस को जानकारी ही नहीं होती कि कहां खुदाई होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि एक एडवांस कार्यक्रम पहले ही तैयार किया जाना चाहिए था, जिसमें प्रचार-प्रसार के अलावा समन्वय स्थापित किया जा सकता। बहरहाल, अब स्थिति यह है कि लोगों को यह नहीं पता चलता कि आगे सड़क बंद है या खुली? जानकारों का यह भी कहना है कि अब सड़कों की रिपेयरिंग के दौरान भी इसी तरह की स्थिति पैदा हो सकती है।
उधर आईपीएच के एक्सईएन मनदीप ने मजबूती से पक्ष रखते हुए कहा कि प्रशासन से सख्त हिदायत मिली थी कि रात के वक्त ही मुख्य सड़कों पर काम होगा, जिसकी पालना की जा रही है। उन्होंने कहा कि समन्वय को लेकर ठोस कदम उठाए गए हैं। अगर कोई कमी है तो इसमें भी तुरंत प्रभाव से सुधार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देहली गेट पर सड़क का कार्य रात को ही पूरा कर दिया गया, ताकि सुबह ट्रैफिक सुचारू रह सके। उन्होंने यह भी बताया कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जब तक ट्रैफिक पुलिस से क्लीयरेंस नहीं मिलेगी, तब तक सड़क की खुदाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि वैसे भी मुख्य मार्गों पर खुदाई का कार्य पूरा हो चुका है। अब रिपेयरिंग का समय आ गया है।