ऊना (एमबीएम न्यूज़) : कुटलैहड़ से विधायक वीरेंद्र कंवर ने कहा कि केंद्र में राहुल के बाद अब हिमाचल को विक्रमादित्य के रूप में नया पप्पू मिल गया है। उन्होंने कहा कि युकां नेता प्रदेश की राजनीति में स्थापित होने के चक्कर में कांग्रेस के वरिष्ठ मुख्यमंत्री व अपने पिता वीरभद्र सिंह को ही सरकार का चेहरा बदलने व कैबिनेट में बदलाव करने का सुझाव देने लगे हैं। इससे साफ है कि या तो अब वीरभद्र सिंह की बेटे पर पकड़ नहीं है या फिर बेटा बाप से आगे निकलने के लिए मर्यादाओं को तोड़ रहा है। कंवर शनिवार को स्थानीय विश्रामगृह में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे।
कंवर ने कहा कि विक्रमादित्य ने अपने पिता को सलाह देने के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व चुने हुए कांग्रेसी विधायकों की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठाई है। उन्होंने कहा कि युकां विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करेगी, तो कांग्रेस के सीनियर लीडर्स को सन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में नेताओं का रिपोर्ट कार्ड चुनावों में जनता ही तैयार करती है।
कंवर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुटलैहड़ दौरे के दौरान ऊना व कुटलैहड़ से भाजपा विधायकों की जीत को हलके में लिया है। भाजपा विधायकों की जीत को अपने ही कांग्रेस नेताओं के भीतरघात का कारण बताकर साफ कर दिया है कि कांग्रेस को अपने ही नेताओं पर विश्वास नहीं है। वीरभद्र कभी अपने नेताओं को मकरझंडू कहते हैं, तो कभी इन्हें गोबिंदसागर में फैंकने की बात करके इनका मजाक उड़ाते हैं। ऐसे में चुनावी वक्त पर शायद ये लोग भी अच्छा और बुरा की समझ करने के बाद मतदान करते होंगे। उन्होंने कहा कि बावजूद मैं यह कहना चाहूंगा कि भाजपा के विधायक कांग्रेसियों की मेहरबानियों से नहीं जीतते, अपितु भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनता के आर्शीवाद से जीतते आ रहे हैं। हम धरातल पर विकास का एजेंडा लेकर चलते हैं और जनता को हमारे द्वारा करवाए हुए काम नजर आते हैं।