हमीरपुर, 06 मई : नादौन की बेटी डॉ. श्रेया कटोच ने एमबीबीएस (MBBS) प्रोफेशनल परीक्षा के अंतिम वर्ष में राज्य भर में प्रथम स्थान हासिल किया है। श्रेया कटोच आरम्भ से ही प्रतिभावान है। उन्होंने महज 17 साल की उम्र में बिना कोचिंग के ही नीट की परीक्षा पास की है। जिसके बाद डॉ. आरपीजीएमसी (RPGMC) टांडा में दाखिला लिया।
दृढ़ता और शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रमाण के रूप में नादौन के जलाड़ी गांव निवासी डॉ. श्रेया कटोच एमबीबीएस (MBBS) प्रोफेशनल परीक्षा के अंतिम वर्ष में राज्य भर के छह मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को पछाड़कर शीर्ष स्थान प्राप्त किया हैं। महज 22 साल की उम्र में श्रेया की यात्रा शिक्षा और पाठ्येतर गतिविधियों दोनों के प्रति समर्पण और जुनून का प्रमाण है। इस शुरुआती सफलता ने उनकी भविष्य की उपलब्धियों की नींव रखी।
श्रेया की प्रतिभा मेडिकल क्षेत्र से कहीं आगे तक फैली हुई है। सिर्फ अकादमिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने से संतुष्ट नहीं, श्रेया विभिन्न मेडिकल एसोसिएशन में भी सक्रिय भागीदार रही हैं। वह राष्ट्रीय स्तर की बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जो अपनी शैक्षणिक प्रतिबद्धताओं के साथ-साथ खेलों में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करती हैं। वह एशियाई मेडिकल छात्र संघ में राष्ट्रीय अधिकारी के प्रतिष्ठित पद पर हैं। ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल स्टूडेंट्स में राज्य स्तर पर महासचिव के रूप में कार्य करती हैं।
इसके अलावा श्रेया का पाठ्येतर गतिविधियों में सफलता का इतिहास रहा है। उन्होंने बाल विज्ञान कांग्रेस और भाषण प्रतियोगिताओं में कई राज्य स्तरीय पुरस्कार जीते हैं। शिक्षकों और पेशेवरों के परिवार से आने वाली श्रेया अपने माता-पिता से प्रेरणा लेती हैं। उनकी मां जलाड़ी में भगवती पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल हैं, जबकि उनके पिता पॉलिटेक्निक हमीरपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में विभागाध्यक्ष के पद पर हैं।
श्रेया की छोटी बहन, जो वर्तमान में 12वीं कक्षा में है, भी उनके पदचिन्हों पर चलते हुए डॉक्टर बनने की आकांक्षा रखती है। कटोच परिवार में चिकित्सा पेशेवरों की एक मजबूत परंपरा है, श्रेया की सभी चचेरी बहनें भी चिकित्सा में अपना करियर बनाना चाहती हैं।