नई दिल्ली, 06 मई : क्या, कांग्रेस देश में 100 का आंकड़ा पार कर लेगी। इस सवाल का संशय 4 जून दोपहर तक साफ़ हो जाएगा। देश में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान एक जून को होगा, 4 जून को परिणाम घोषित होंगे। कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में 330 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है, भारतीय चुनावी इतिहास में कांग्रेस पहली मर्तबा इतनी कम सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। 2004 में कांग्रेस ने 417 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक अंकगणित बहुत सरल है, कांग्रेस को 100 सीटों का आंकड़ा पार करने के लिए 30% सीटें जीतने की जरूरत है। इसलिए कांग्रेस को 10 सीटों में से 3 सीटें जीतने की जरूरत है, जिन पर वह चुनाव लड़ रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ राज्यों में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट लगभग 50% होना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस के लिए देश के कई राज्यों में 20% का स्ट्राइक रेट रखना भी मुश्किल होगा।
उम्मीद है कि तमिलनाडु और केरल जैसे कुछ राज्यों में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट (Strike Rate) अच्छा रह सकता है, कांग्रेस तमिलनाडु में 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और वह राज्य में 7 से 8 (या 9 सीटें) तक जीत सकती है। कांग्रेस केरल में 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और राज्य में 10 से 14 सीटें जीत सकती है। ऐसे में इन दोनों राज्यों में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 80% के आसपास हो सकता है।
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दूसरी ओर, कांग्रेस गुजरात में अधिकतम एक से दो सीटें जीत सकती है। एमपी और राजस्थान में कांग्रेस को बड़ी जीत की उम्मीद नहीं है, इसलिए, यह कांग्रेस को कर्नाटक, महाराष्ट्र और पंजाब पर निर्भर कर देता है।
कांग्रेस महाराष्ट्र में 17, कर्नाटक में 27 और पंजाब में 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जब तक कांग्रेस इन तीन राज्यों में जीत हासिल नहीं कर लेती, उनके लिए 100 सीटें पार करना मुश्किल होगा। ज़्यादा से ज़्यादा कांग्रेस अधिकतम 10-16 सीटें जीत सकती है (दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार से)। यदि वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं तो उनके पास पूर्वोत्तर से 10 सीटें हो सकती हैं। ये सभी सर्वोत्तम परिदृश्य हैं। कांग्रेस के लिए 100 सीटें हासिल करना मुश्किल होगा, लेकिन अगर वे कर्नाटक, महाराष्ट्र और पंजाब में जीत हासिल कर लेते हैं तो उनकी संख्या 100 के करीब होगी।
@A1